बिहार के पटना में एक गुरुद्वारे में लंगर खाने गए एक किशोर को नौकरी का लालच इस तरह महंगा पड़ा कि 2 साल उसने एक फार्म हाउस की कालकोठरी में बंधुआ मजदूर की तरह बताएं बताया जा रहा है कि यहां उसको काम कराया जाता था और आधा पेट खाना ही दिया जाता था । पंजाब केसरी के अनुसार इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना में किशोर को भूसे की कोठरी में 2 साल तक जानवरों की तरह बांधकर रखा जाता था
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील में स्वर्ण सिंह का एक फार्म हाउस है बताया जाता है कि पटना निवासी राजकुमार पटना के गुरुद्वारे में लंगर खाने गया था जहां पर रामपुर के छोटी कूदी गांव निवासी स्वर्ण सिंह उस को बहला-फुसलाकर रामपुर ले आया । गुरुद्वारे में लंगर खा रहे हैं उस बच्चे को यह नहीं पता चला था कि उसके साथ क्या होने वाला है जानकारी के अनुसार 2 साल पहले झांसा देकर लाए गए बच्चे के साथ स्वर्ण सिंह अमानवीय व्यवहार करता था उसको कमरे में बंद रखा जाता था और आधा पेट खाना ही दिया जाता था अगर वह घर जाने की जिद करता तो उसे रुपए देकर बनाया जाता। पुलिस के पहुंचने पर आरोपी स्वर्ण सिंह फार्म हाउस से फरार है
2 वर्ष से बंधक इस बच्चे की मदद के लिए वहां पर फेरी लगाकर गुजर-बसर करने वाले मोहम्मद इदरीस अंसारी किसी फरिश्ते की तरह सामने आए उन्होंने उसका फोटो खींचकर पुलिस और श्रम अधिकारियों की मदद से इस कालकोठरी से मुक्त कराया बताया जाता है कि कोठारी की छोटी सी खिड़की से इस बच्चे ने पप्पू अंसारी से मदद मांगी जिस पर पप्पू अंसारी ने इसका एक फोटो अपने मोबाइल के कैमरे से खींच लिया और चुपचाप जाकर इसकी सूचना अपने मित्रों को बताएं और बच्चे की जानकारी बिहार में पटना के उसके घर पर संपर्क करने की कोशिश की। परिवार से संपर्क साधने पर पता चला कि विनोद चौधरी का लड़का राजकुमार पिछले 2 साल से गायब है लड़के के बारे में पता चलने पर परिवार वाले रामपुर पहुंच गए और स्थानीय कांग्रेस नेता सिफत अली खान के जरिए पुलिस अधीक्षक और सहायक श्रम आयुक्त से मिले जिसके बाद पुलिस ने इस बच्चे को वहां कैद से छुड़ाया।