कहने को यह एक भले ही छोटा सा सर्वे सैंपल था मगर दादरी सीट पर भाजपा से कागज विधायक तेजपाल नागर के लिए यह खतरे की घंटी से कम नहीं है। शहरी क्षेत्र की उपेक्षा दादरी विधायक को महंगी भी पड़ सकती है
ट्विटर पर एनसीआर खबर द्वारा कराए गए एक सर्वे में ग्रेनो वेस्ट के लगभग 28% लोगों ने ही तेजपाल नागर को सही माना है। समय के अनुसार लगभग 28% लोगों ने कहा कि वह तेजपाल नागर जी द्वारा किए गए कार्यों से संतुष्ट हैं जबकि 58 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने उनके कार्यों से बिल्कुल संतुष्टि नहीं दिखाई है । लगभग 12 परसेंट ऐसे लोग हैं जो 30 और 50 परसेंट विधायक को सही मानते हैं
एनसीआर खबर में जब इस सर्वे के बाद लोगों से बात करनी शुरू की तो यह सामने आया कि विधायक तेजपाल नागर अपनी प्राथमिकता में दादरी क्षेत्र को ही ज्यादा महत्व देते रहे हैं और जाति विशेष के मामलों पर ही मुख्यमंत्री तक अपनी शिकायत मचाते हैं इसके अलावा शहरी क्षेत्र जो कि बिसरख ब्लॉक में आता है उससे विधायक दूरी बनाए रखते हैं I इसका प्रत्यक्ष प्रमाण प्रेरणा भाटी और शेर सिंह भाटी प्रकरण में दिखा जबकि ग्रेनो वेस्ट हुए हुए २ अलग दोहरे हत्याकांड में विधयाक उसे कानून व्यवस्था का मसला मान कर चुप बैठे रहे
उसका एक कारण यह भी माना जाता है कि शहरी क्षेत्र का वोटर भाजपा का परंपरागत वोटर है ऐसे में विधायक ये भी मान के चलते हैं कि इन लोगों के लिए अगर कुछ ना भी किया जाए तो भी वोट विधायक को ही मिलेगा ऐसे में जब 2022 के लिए सभी तरफ से चौसर बिछ चुकी है विरोधी दलों से भी दादरी सीट पर भाजपा को टक्कर देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं तो यह छोटा सा सर्वे विधायक तेजपाल नागर के लिए खतरे की घंटी है।
क्योंकि ऐसी स्थिति में दूसरे पक्ष का थोड़ा सा भी मलहम यहां के वोटर को उनकी तरफ कर सकता है ग्रेनो वेस्ट 2022 के चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। 2017 के चुनाव में लगभग 2.5 लाख वोट दादरी सीट पर पड़े थे जिसमें विपक्ष से बसपा प्रत्याशी सतवीर सिंह गुर्जर को 61049और कांग्रेस के समीर भाटी को 39975 वोट मिले थे । भाजपा की लहर में 141226 वोटों से तेजपाल नागर विजयी रहे थे
लेकिन 2017 में इस सीट पर शहरी वोट बिल्कुल नहीं था ग्रेनो वेस्ट मैं अब तक लगभग 90000 फैमिली शिफ्ट हो चुकी है जिसके हिसाब से यह माना जा सकता है कि 2022 तक यहां करीब ढाई लाख शहरी वोटर और जुड़ जाएगा I जिसकी नाराजगी भाजपा को नुक्सान दे सकती है
विपक्ष जिस तरह भाजपा को हराने के लिए 2022 में एक साथ आने की तैयारी कर रहा है उससे भाजपा के लिए शहरी लोगों की उपेक्षा बहुत भारी पड़ेगी ।
तेजपाल नागर के दादरी गांव के सजातीय वोटों को साधने की इस कोशिश के एक और मायने हैं दादरी की राजनीति को समझने वाले बुजुर्ग गुर्जर नेता के अनुसार दादरी सीट पर गांव में भी लोग विधायक तेजपाल नागर से खुश नहीं है उनको लेकर तमाम तरह की अफवाहें लगातार चलती रहती हैं गुर्जर समाज भी उनकी जगह किसी और को ही इस बार वोट देना चाहता है ऐसे में विधायक अपना सारा ध्यान गांव पर लगा रहे हैं ताकि भाजपा में ही समाज से कहीं कोई ओर नेता अपना दावा ना ठोक दें
विधायक द्वारा इस साल स्कुल फीस मामले पर अभिभावकों के लिए भी कुछ ना किये जाने को लेकर भी यहाँ के लोगो की नाराजगी बढ़ती जा रही है I सबसे बड़ी बात है कि स्कुलो के मनमानी के शिकार हो रहे हो भाजपा के ही समर्थक हैं I
वही उनके गांव प्रेम से आहत शहरी वोटर लगातार इस बात को महसूस कर रहा है कि बीते 3 साल में जब जब भाजपा संगठन से जुड़े शहरी लोगों को मदद की जरूरत पड़ी है तो उनको विधायक से मदद नहीं मिल पाई है या विधायक ने उन पर ध्यान नहीं दिया तो मजबूर होकर उन्हें दूसरे विधानसभा के विधायकों के पास जाकर काम करवाना पड़ा है। भाजपा में संगठन स्तर पर इस तरह की हताशा से लगातार कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी आ रही है। संगठन से जुड़े लोग लगातार आइसोलेशन में जा रहे हैं जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज श्री राम मंदिर के लिए की जा रही प्रभात फेरी में भी दिखा है । जहाँ विधायक रोजा याकूब पुर गाँव तो पहुंचे मगर शहरी क्षेत्र में नहीं गये
नाम ना छापने की शर्त पर भाजपा के एक कार्यकर्ता ने कहा अगर भाजपा के विधायक हमारे हितों की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं सोसायटियो में होने वाले विवादों में हमारे साथ नहीं खड़े हो सकते हैं तो पुलिस प्रशासन बिल्डर के साथ चला जाता है जिससे हम भाजपा के कार्यकर्ता होते हुए भी लोगों के बीच में हास परिहास का विषय बन जाते हैं । तो फिर हम को भाजपा के संगठन के लिए काम करने से क्या हासिल हो रहा है हम इसमें अपना समय दे रहे हैं अपना पैसा लगा रहे हैं। मगर विधायक जी संगठन में जुड़े कार्यकर्ताओं के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं । इसी के चलते कई सोसायटिओं में लोगों ने संगठन स्तर पर अपना इस्तीफे की पेशकश कर दी है या फिर अपनी टीम के साथ साइलेंट होना शुरू हो गए हैं