संतगणों ने कहा है कि भगवान भाव के भूखे होते हैं। अगर हमारी श्रद्धा, भावना और आचार-विचार में शुद्धता है तो हमारी प्रार्थना आराध्य तक जरूर पहुंचेगी।
कुछ इसी विश्वास के साथ इस बार ‘अयोध्या दीपोत्सव’ में करोड़ों राम भक्त श्रीरामलला दरबार में वर्चुअल हाजिरी लगाएंगे। करीब पांच शताब्दी की प्रतीक्षा के बाद अब जबकि श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण का सपना पूरा हो रहा है, ऐसे में कोई भी श्रद्धालु राम दरबार में आस्था-दीप जलाने से वंचित न रहे, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी की सहभागिता सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर सरकार एक पोर्टल तैयार करवा रही है, जहां वर्चुअल दीप जलाए जा सकेंगे।
रियल जैसा अनुभव देगा वर्चुअल दीपोत्सव
प्रदेश सरकार द्वारा तैयार कराया जा रहा यह अनूठा वर्चुअल दीपोत्सव प्लेटफार्म बिल्कुल रियल जैसा अनुभव देगा। पोर्टल पर श्रीरामलला विराजमान की तस्वीर होगी। जिसके समक्ष दीप वर्चुअल दीप प्रज्ज्वलन होगा।यहां सुविधा होगी कि श्रद्धालु अपने भावानुसार मिट्टी, तांबे, स्टील अथवा किसी अन्य धातु के दीप-स्टैंड का चयन करे। घी, सरसों अथवा तिल के तेल का विकल्प भी उपलब्ध होगा। यही नहीं श्रद्धालु अगर पुरुष है तो पुरुष अथवा महिला है तो महिला के वर्चुअल हाथ दीप प्रज्ज्वलित करेंगे। दीप जलाने के बाद श्रद्धालु के विवरण के आधार पर रामलला की तस्वीर के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से धन्यवाद-पत्र भी जारी होगा। 13 नवम्बर को प्रस्तावित मुख्य समारोह से पूर्व यह वेबसाइट आमजन के लिए उपलब्ध हो जाएगा। बता दें कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दीपोत्सव में वर्चुअली सहभागिता कर रहे हैं।
भव्यता में कमी नहीं पर कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन जरूरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या दीपोत्सव को भव्य-दिव्य बनाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन स्पष्ट कहा है कि कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। प्रतिदिन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। जितने भी कार्यक्रम होंगे सभी में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दीपोत्सव पर राम की पैड़ी के साथ सभी मठ मंदिरों व घरों में ऐसे दीप जलेंगे, जिससे भगवान राम की नगरी अयोध्या दीप के प्रकाश से पूरी तरह से अलोकित हो जाए। इस बार करीब साढ़े पांच लाख दीप जलाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियों का अवलोकन करेंगे। साथ ही, श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के स्वरूप, की आरती कर श्री राम का राज्याभिषेक करेंगे और जन्मभूमि परिसर में रामलला की आरती भी उतारेंगे। सारी तैयारियों पर मुख्यमंत्री की सीधी नजर है।