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एक्सप्रेस वे पर जिले का पहला ट्रामा सेंटर लेकिन ग्रेटर नोएडा कब होगा कोई सरकारी अस्पताल, दादरी विधायक से सवाल पूछ रहे क्षेत्र के लोग

यमुना एक्सप्रसवे पर जिले के पहले ट्रामा सेंटर की मंजूरी सरकार ने दे दिया है बताया जा रहा है कि इस ट्रामा सेंटर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार 100 बेड का अस्पताल भी बनाएंगी इस पूरे ट्रामा सेंटर के लिए यमुना विकास प्राधिकरण जमीन देगा और उत्तर प्रदेश सरकार इसको बनाएगी

इस खबर से यूं तो सबको खुशी होनी चाहिए लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों के मन में मायूसी है ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों का कहना है कि वह लोग बीते काफी समय से इस क्षेत्र में एक बड़े सरकारी अस्पताल का की मांग कर रहे थे इसको लेकर वह क्षेत्र के विधायक से लेकर सभी लोगों से मिले लेकिन ट्रामा सेंटर एक्सप्रेस वे पर खुल रहा है जहा पर अभी आबादी है नहीं है

दादरी विधायक से नाराज हैं क्षेत्र के लोग

ट्रामा सेंटर ऑर 100 बेड के अस्पताल के ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जगह एक्सप्रेस वे पर घोषणा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रह रहे लोगों कि अपने विधायक से नाराजगी स्पष्ट दिखाई देने लगी है गौर सिटी में रहने वाले सुदेश शर्मा साफ कहते हैं कि महंगी कीमत देकर फ्लैट तो हमने खरीद ही लिया था अपने विधायक से लोगों की एक ही डिमांड थी कि यहां पर भी नोएडा के 39 सेक्टर की तरह एक बड़ा सरकारी अस्पताल हो जहाँ लोगों का इलाज हो सके और साथ ही कुछ बढ़िया सरकारी स्कूल जिसमें यहां रह रहे लोगों के बच्चे पढ़ सके । लेकिन विधायक को लोगों की जरूरत का ध्यान ही नहीं है उनको सिर्फ सड़कों के रिबन काटने में ही मजा आता है नेताओ को समझना होगा कि चुनाव के अलावा भी लोगो की ज़रूरते हैं

वहीं विपिन कहते है कि लगता है विधायक की इस मामले में सरकार ने सुनी नहीं है या फिर यह भी हो सकता है कि क्षेत्रीय विधायक ने यहां के लोगों की मांग को उसने प्रभावशाली ढंग से रखा ही ना हो

अमित सिंह का साफ कहना है कि इस क्षेत्र में बिसरख गांव में एक सरकारी अस्पताल है जो गांव के हिसाब से बनाया गया है अस्पताल के ऐसे हालात हैं कि वहां पर एक्स-रे रूम और अल्ट्रासाउंड रूम तो बनाए गए हैं मगर ना वहां मशीनें हैं और ना ही प्रॉपर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं । ऐसे में किसी को कुछ हो जाए तो वह कहां जाए

दरअसल बीते 10 साल में ग्रेटर नोएडा वेस्ट को बिल्डरों के हाथों बेच कर अथार्टी ने अपनी कार्यों की इतिश्री समझ लिया है इस पूरे क्षेत्र को देखा जाए तो यहां आने वाले समय में तीन लाख के करीब लोग रह रहे होंगे ऐसे में बड़ा सरकारी अस्पताल होना लोगों की सही मांग है लेकिन वास्तविक जमीन पर यहां ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने सिर्फ बड़े अस्पतालों को जमीन दी गई जिसमें अभी एक अस्पताल में भी इमरजेंसी सुविधाएं ही चालू थी और फिलहाल वो भी कोरो ना के चलते कोविड अस्पताल बन चुका है

इस मामले को लेकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में जब एनसीआर खबर ने काफी समय पहले बात की थी तो वहां के एसीईओ ने कहा था कि अगर सरकार हम से सरकारी स्कूल या अस्पताल के लिए जमीन की डिमांड करेगी तो हम जमीन दे सकते हैं लेकिन सरकारी अस्पताल चलाना सब सरकार के जिम्मे है

ऐसे में इसके बाद लोगों की उम्मीदें अपने क्षेत्र विधायक तेजपाल नागर से ही रह गई थी लेकिन एक्सप्रेस वे पर ट्रॉमा सेंटर और 100 बेड के अस्पताल की घोषणा के बाद लोगों की उम्मीदें भी टूटती नजर आ रही हैं I

NCRKhabar Mobile Desk

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