बृहस्पति 20 नवंबर को दोपहर 1.26 बजे पुन: मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। यह 5-6 अप्रैल 2021 को मध्य रात्रि में 12.25 बजे तक मकर राशि में ही रहेगा, उसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। मकर राशि में गुरु नीच का हो जाता है।दिनांक 5 नवंबर 2019 से 30 मार्च 2020 तक बृहस्पति धनु राशि में रहा। 30 मार्च 2020 से 30 जून 2020 तक मकर राशि में गोचर किया। इसके बाद 30 जून 2020 से 20 नवंबर 2020 तक पुन: धनु राशि में गोचर किया। अब 20 नवंबर 2020 से 5 अप्रैल 2021 तक बृहस्पति मकर राशि में रहेगा।
इसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। बृहस्पति जिस राशि में स्थित होता है उससे पीछे की ओर गिनने पर चौथी, आठवीं और बारहवीं राशि के लिए अशुभ फलप्रदायक होता है। इस प्रकार मकर राशि में रहते हुए बृहस्पति चौथी राशि तुला, आठवीं राशि मिथुन और बारहवीं राशि कुंभ को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा।
बृहस्पति का धनु से मकर राशि में परिवर्तन से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों यथा धन, भाई-बंधू, माता-पिता, परिवार, शिक्षा, व्यवसाय, वैवाहिक जीवन इत्यादि का कितना प्रभाव पड़ेगा। इस राशि में गुरु सबसे पहले सूर्य के उत्तराषाढा नक्षत्र में भ्रमण करेंगे उसके बाद चंद्रमा के नक्षत्र श्रवण और फिर मंगल के नक्षत्र धनिष्ठा में भ्रमण करेंगे। वही नवांश में मकर राशि से लेकर तुला राशि तक क्रमशः परिभ्रमण करेंगे। गुरु का अपने शनि की राशि मकर में आना उसका नीच राशि में भ्रमण कहलाता है । मकर राशि में आने से रूके मांगलिक कार्य होने के संकेत मिलते है। शेयर मार्केट के लिये शुभ संकेत रहेगें वर्षा की अनियंत्रित स्थिति पर कुछ नियंत्रण होगा आसुरी शक्तियों पर नियंत्रण आवश्यक होगा । राजनैतिक संर्धष होंगे , बाढ व तूफान का खतरा बना रहेगा । गुरू का शनि की राशि में गोचर मकर राशि मंगल की उच्च राशि है वह गुरू के प्रभाव में आने से भूमि , भवन सस्ते व सौन्दर्य प्रसाधन एवं विलासिता की सामग्री महंगी होगी । इस समय सत्तापक्ष व विपक्ष में संर्घष होगें मकर में गुरू प्रवेश के बाद वर्षा की अधिकता होगी एव जनता में अविश्वास बढेगा।
मकर राशि शनि द्वारा शासित है और गुरु मकर राशि में दुर्बल हो जाता है। हालांकि यहाँ अच्छी बात यह है कि, गुरु और ग्रह के स्वामी की यह युति गुरु की दुर्बलता को खत्म कर देगी, जो बदले में इस गोचर के बुरे प्रभावों को कम करने में सहायक साबित होगा।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में शनि और बृहस्पति के प्रभाव से ऑटोमोबाइल उद्योग में वृद्धि देखी जा सकती है। इस दौरान सोने की कीमतें बढ़ेंगी क्योंकि गुरु शक्तिशाली हो जाएगा। युद्ध, बीमारियों और महामारी के नए संकेत विशेष रूप से भारत के पश्चिम और उत्तर पश्चिम भागों में और दुनिया के उत्तर पूर्वी भागों में दिखाई देंगे। शनि के साथ बृहस्पति और पृथ्वी पर उनकी संयुक्त किरणें दुनिया के नागरिकों के जीवन में भय और दुख पैदा करने वाले साबित होंगी। जिसके चलते लोग अनैतिक और झूठे वैक्सीन (टीके) के विकल्प को चुनने से भी नहीं कतराएंगे, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि, किसी भी तरह का कोई भी अप्राकृतिक तरीका ना अपनाएं क्योंकि इससे आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा बल्कि आपको नुकसान ही होगा।
दुनिया के कुछ हिस्सों में भूकंप आने की प्रबल संभावना है। यहां तक कि भारत में भी भूकंप आ सकता है। इसके अलावा गुरु के इस गोचर के प्रभाव से कुछ जगहों पर राजनीतिक उथल-पुथल मच सकती है। बृहस्पति गुरु और शनि के संयोग से बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार होने की संभावना है। इस दौरान जनता और सरकार की नैतिक समझ खत्म हो सकती है और वह सही और गलत के दम पर सत्ता भी खो सकते हैं। दुर्बल अवस्था में गुरु के इस गोचर का सबसे ज्यादा प्रभाव आम आदमी के जनजीवन पर पड़ सकता है जिसके चलते उनके जीवन में कोई बड़ी गड़बड़ी या समस्याएं पैदा होने की आशंका है। इसलिए आपको पहले से ही सलाह दी जाती है कि, जितना हो सके प्रकृति के करीब रहे और किसी भी तरह की अप्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से बचें। अप्रैल तक अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है।6 अप्रैल 2021, के बाद जैसे ही बृहस्पति और शनि अलग-अलग हो जायेंगे, वैसे ही पूरी दुनिया की एक बार फिर से नई शुरुआत होगी और चीजें पुनः बेहतर होने लगेंगी। इस दौरान महामारी भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी।
राशियों पर मकरस्थ बृहस्पति का प्रभाव
गुरु का मेष राशि पर प्रभाव
बृहस्पति का गोचर आपके कर्मस्थान पर हो रहा है इस कारण गुरु गोचर 2019 से आपके भाग्य ने मदद शुरू की है वह जारी रहेगी और नौकरी के क्षैत्र में विशेष सफलता मिलेगी एवं पदौन्नति के अवसर सुलभ होगें । गुरु आपके कुंडली में बारहवे और नवें भाव का स्वामी होकर कर्म भाव स्थित होकर आपके अंदर प्रचुर उत्साह और विश्वास का संचार बनाये रखेगा। आप अपने व्यवसाय को नए मुकाम पर लेकर जा सकते है आपको इसके लिए उचित अवसर तथा लोगो का साथ भी मिलेगा। विशेष एवं हवाई यात्रा करनी पड़ सकती है और इससे लाभ भी मिलेगा। आप भविष्य के लिए नई व्यवस्था बनाने में सफल होंगे। कर्म पर आपको अधिक ध्यान देना चाहिये । मान-सम्मान में बढोत्तरी हो सकता है। योगाभ्यास करे मन बुद्धि शांत रहेगा। विदेश जाने के लिए सोच रहे है या प्रयासरत है तो यह अनुकूल समय है प्रयास करे सफलता मिलेगी। घर परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। आप धर्म से जुड़ सकते है। शासकीय कार्यों में प्रगती आयेगी । रूके काम पूरे होंगे , सम्मान मिलेगा ।
गुरु का वृषभ राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि के जातकों को गुरू का गोचर भाग्य में रहेगा बीते वर्ष से जो धन का अपव्यय शुरू हुआ था उसको विराम लगेगा , और गुरू का यह गोचर आपके भाग्योदय में निश्चित ही सहायक होगा। गुरु आपके कुंडली में लाभ और अष्टम भाव का स्वामी होकर भाग्य भाव स्थित होकर आपके अंदर प्रचुर उत्साह और विश्वास का संचार बनाये रखेगा। आप अपने व्यवसाय को नए मुकाम पर लेकर जा सकते है आपको इसके लिए उचित अवसर तथा लोगो का साथ भी मिलेगा। लघु तथा लम्बी यात्रा करनी पड़ सकती है और इससे लाभ भी मिलेगा। आप भविष्य के लिए नई व्यवस्था बनाने में सफल होंगे। भाग्य के असहयोग से जो आपको गतवर्ष हानि हुइ्र है उसमें सुधार आने लगेगा। मान-सम्मान में बढोत्तरी हागी है। मन शांत रहेगा, हिम्मत बढेगी, लोकप्रियता भी बढेगी । विदेश जाने के लिए सोच रहे है तो यह अनुकूल समय है प्रयास करे सफलता मिलेगी। घर परिवार का माहौल फिर से आपके अनुकूल बनेगा। आप धर्म से जुड़ सकते है। शासकीय कार्यों में प्रगती आयेगी । रूके काम पूरे होंगे , राजकीय सम्मान मिलेगा ।
गुरु का मिथुन राशि पर प्रभाव
बृहस्पति गोचर में अष्टम भाव में रहेगा और यहाँ से लग्न की पडने वाली दृष्टि समाप्त होगी , अनायास ही अनिर्णय की स्थिति बनेगी यदि पार्टनरशिप में कोई दरार आने से कार्य करने में असहजता रहेगी । यदि किसी नए काम अथवा नौकरी की तलाश में है तो यहां भी असफलता ही हाथ लग सकती है । यात्रा का योग बन रहा है। मान-सम्मान में कुछ कमी का अनुभव होगा होगी। विवाह का योग टल सकते है । कारोबारी यात्राओं की अधिकता रहेगी परन्तु धार्मिक यात्राओं का भी लगातार जोर बना रहेगा। बातचीत की शैली प्रभावशाली रहेगी उसका लाभ भी मिलने लगेगा। धन का निवेश कर सकते है , भवन निर्माण या भवन पुर्ननिर्माण का कार्य आरंभ हो सकता है ,परन्तु सोच समझकर ही अपने पैर पसारे । नौकरी में परिर्वतन करने से पहले दूसरी नौकरी अवश्य ढूंढ लें । पत्नी से लाभ मिलने का योग बन रहा है पत्नी का सहयोग मिलेगा आप भी उनकी खुशी का ख्याल रखे तथा अपना विश्वास बनाये रखे। मित्रो तथा अधिकारियो का पूर्ण सहयोग मिलने में संदेह रहेगा परन्तु धैर्य नहीं खोवें।
गुरु का कर्क राशि पर प्रभाव
कर्क राशि तथा कर्क लग्न वालो के कुंडली में वृहस्पति का गोचर सप्तम भाव में हो रहा है। गुरु यहाँ बैठकर लग्न, लाभ तथा सहोदर स्थान को देख रहा है अतः स्पष्ट है की कठिन मेहनत से ही सफलता मिलेगी। कार्यक्षेत्र के लिए अनुकूल समय है यदि नौकरी की तलाश कर रहे है तो निश्चित ही नौकरी मिलेगी। यदि नौकरी में परिवर्तन चाह रहे है तो अनुकूल समय है आपको इस समय का लाभ उठाना चाहिए और लाभ के अवसर अधिक होगें।आर्थिक व पारिवारिक मामलों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा।सम्मान बढेगा। लड़ाई-झगड़ा एवं विवाद में भी सम्मान का योग बन रहा है विद्यार्थियो के लिए प्रतियोगिता में सफलता पाने का सुवसर है प्रतियोगी बने सफलता कदम चूमेगी। स्वास्थ उत्तम रहेगा, भाई बहनो से मेलमिलाप के अवसर सुलभ होगें। आपकी छवि श्रेष्ठ रहेगी, भाग्येश गुरु लग्न तथा लाभ भाव को देख रहा अतः कार्य को लेकर सम्मान के अवसर बनेंगे , यात्रा या लम्बी यात्रा करनी पड़ सकती है।
गुरु का सिंह राशि पर प्रभाव
सिंह राशि तथा सिंह लग्न वालो के कुंडली में वृहस्पति का गोचर छठे भाव में होगा। पंचम भाव लक्ष्मी, संतान, बुद्धि, प्यार, शेयर मार्किट इत्यादि का भाव है अतः जातक को इससे सम्बंधित विषय विशेष का शुभ व अशुभ दोनों समाचार मिलेगा। शेयर मार्केट में पैसा सोच-समझकर ही लगाए अचानक लाभ तथा हानि दोनों के लिए तैयार रहे। यदि आप विद्यार्थी है तो उसे शिक्षा के क्षेत्रों में सफलता विलम्ब के साथ मिलेगी यदि कही किसी कोर्स में एडमिशन लेना चाहते है तो एडमिशन तो मिलेगा परन्तु परेशानी के साथ। कोई नया प्रोजेक्ट पर भी काम करना पर सकता है। आप अपने बुद्धि कौशल से भाग्य का निर्माण करेंगे इस बात का अवश्य ही ध्यान रखे। नौकरी करने वाले जातक को नए दायित्व का निर्वहन करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि पदौन्नति के लिए सोच रहे है तो इसका लाभ मिल सकता है। आपके घर परिवार में किसी न किसी प्रकार का शुभ कार्य का आयोजन निश्चित ही होगा। संतान पक्ष से कुछ कष्ट हो सकता है। व्यापार तथा व्यवसाय में लाभ ही लाभ होगा परन्तु जल्दबाजी न करे। आपको अपने मित्रों का सहयोग मिलेगा तथा नए मित्र भी बनेंगे। स्वास्थ के दृष्टिकोण से वृहस्पति का गोचर ठीक ही रहेगा परन्तु पेट से सम्बन्धित बिमारी परेशान कर सकता है। आपका सामाजिक दायरा बढेगा तथा धर्म स्थलों पर जाने तथा धार्मिक कार्यो से जुड़ने का अवसर मिल सकता है।
गुरु का कन्या राशि पर प्रभाव
कन्या राशि वालो के लिए इस समय गुरु का गोचर पंचम भाव में होगा अतः जातक को पंचम भाव से सम्बंधित फल की प्राप्ति होगी। अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में है तो सफलता के प्रबल योग बनेंगे । भाग्य प्रबल रहेगा , लाभ के प्रचुर अवसर उपलब्ध रहेंगे , बडे भाईयों से सहयोग मिलेगा, संतान को सफलता मिलेगी , संतान की इच्छा रखने वालो की इच्छा पूर्ती होगी , सम्मान बडेगा , पदौन्नती के अवसर की प्राप्ति होगी , स्वयं का कोई काम शुरू करने की योजना है तो वह फलीभूत होगी । नई गाड़ी का भी योग है। घर-परिवार में सौहार्द पूर्ण वातावरण बना रहेगा। आपके सामाजिक तथा पारिवारिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी। बड़े अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। यदि आप नौकरी की तलाश में है तो निश्चय ही नौकरी मिलेगी। यदि नौकरी में परिवर्तन चाहते है तो इसके लिए भी अनुकूल समय है। इस समय आपके द्वारा सोचे गए सभी कार्य पूरे होने की प्रबल सम्भावना है। आपको साझेदारी में कोई व्यवसाय करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी तथा मेहनत का पूर्ण फल मिलेगा। धार्मिक कार्यो में रूचि बढ़ेगी। प्रोपर्टी में पैसा लगा सकते है। स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा परन्तु ध्यान देने की आवश्यकता है।
गुरु का तुला राशि पर प्रभाव
तुला लग्न व राशि के जातकों को बृहस्पति का गोचर चतुर्थ भाव में हो रहा है फलस्वरूप आप मेहनत से भाग्य का निर्माण करने में सफल होंगे। पैतृक सम्पति को प्राप्त करने में सफल रहेंगे , भूमि या भवन से संबंधित किसी काम में रूकावट आ रही है तो वह दूर होगी एवं नये भवन निर्माण की योजना फलीभूत होगी यदि काई समस्या आती है तो धैर्य तथा विवेक का परिचय दे सब ठीक हो जाएगा। गुरु का यहाँ होने से आपके अंदर नए कार्यो के प्रति रूचि बढ़ेगी। प्रचुर मात्रा में मान सम्मान में वृद्धि होगी। छोटी यात्रा का बार-बार संयोग बनेगा तथा यात्राओं के माध्यम आपका काम भी पूर्ण होगा। वाहन आदि की खरीदी के योग बनेंगे मन पसंद वाहन खरीद सकेंगे, आप अपने स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान रखे। चतुर्थ भाव से वृहस्पति अपने पंचम दृष्टि से अष्टम भाव को देख रहा है अतः पढाई की इच्छा रखने वाले के लिये गोपनीय ज्ञान में रूचि बढेगी रूका धन मिलेगा, सामाजिक प्रतिष्ठा बढेगी उससे लोकप्रियता में भी वृद्धि होगी। माता के लिये शुभ कार्य होने के योग है , और आपको वहां जाने का मौका मिलेगा।
गुरु का वृश्चिक राशि पर प्रभाव
वृश्चिक लग्न व राशि के जतकों के गोचर में वृहस्पति का सहोदर भाव में विचरण रहेगा तथा वहाँ से सप्तम दृष्टि से भाग्य भाव को देख रहा है अतः यात्रा के योग प्रबल रहेंगे , धार्मिक यात्रा के योग प्रबल रहेंगे । पार्टनरशिप में बड़ी परिपक्वता राशि मिल सकती है। अचानक नौकरी भी मिल सकती है। लाभ के अवसर प्रचुर मात्रा में मिलेंगे वृहस्पति पंचमेश होकर गोचर में तृतीय भाव में है घर परिवार में कोई नए लोगों के घर जाने की योजना बनेगी । परिवार में वृद्धि हो सकती है। शुभ कार्यो में व्यय होगा। कई बार कार्यो में रुकावट भी आएगी परन्तु अंततः सफलता मिलेगी। बीमारी से बचे। ऋण लेने का योग है अतः आपको ऋण लेना पड़ सकता है। संतान चाहने वाले व्यक्ति को संतान सुख मिलेगा तथा प्यार करने वाले को प्यार का सुख मिलेगा संतान के ऊपर खर्च करने का अवसर मिलेगा। प्रेम का नया दौर शुरू हो सकता है। बडे भाई का स्वास्थ्य खराब हो सकता है इससे उनके कार्यक्षेत्र पर भी असर पर सकता है।
गुरु का धनु राशि पर प्रभाव
कन्या लग्न एवं राशि वालो के लिए बृहस्पति चतुर्थेश तथा सप्तमेश होकर द्वितीय में स्थित है यह स्थिति आपके लिए अनुकूल है बंधू बांधव का सुख मिलेगा। यदि आप विवाह के इच्छुक है तो विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। प्रेम और विवाह दोनों संभव है। घर परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा परिवार में कोई शुभ कार्य होने के प्रबल योग बन रहा है। आय में वृद्धि होगी परन्तु कभी-कभी रूकावट भी आएगी उससे घबराये नहीं। कार्य स्थल पर उच्च अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में पदोन्नति भी मिलने की सम्भावना है। अपने स्वभाव में सकारात्मक एवं तार्किक सोच विकसित करें। वाणी प्रभावशाली रहेगी, कुटुम्ब में किसी आयोजन का हिस्सा बनेंगे लोकप्रियता बढने से अर्थिक लाभ भी बडेगा तो जन संपर्क बढेंगे एवं उनका लाभ भी मिलेगा । धार्मिक यात्रा होगी। न्यायालयीन प्रकरणों में विजय मिलेगी ।
गुरु का मकर राशि पर प्रभाव
मकर लग्न व राशि के लिए बृहस्पति लग्न भाव में गोचर कर रहा है यह स्थिति जातक के लिए बहुत अच्छी है आपके परिश्रम का मूल्य मिलेगा आलस्य त्यागें नकारात्मक सोच में कमी आयेगी, फलस्वरूप आप मानसिक रूप से परेशानी में कमी होगी। आत्मविश्वास की में उत्तरोत्र वृद्धि होगी । बहनो एवं भाइयो तथा घर-परिवार की मदद सभी अवसरों पर मिलेगी । शत्रु आपके ऊपर हावी होने का अवसर आप स्वयं ही दे सकते है इस कारण आप बेवजह परेशान होंगे। किसी शुभ एवं धार्मिक कार्यो में व्यय होगा। पत्नी से संबंध सुधरेंगे। संतान सफलता अर्जित करेगी एवं संतान की सफलता से मन भी प्रफुल्लित रहेगा , धर्म-स्थल की यात्राएं हो सकती है। ईश्वर आराधना करे आपका कल्याण होगा। यदि पार्टनरशिप में यदि कोई कार्य कर रहे है तो सफलता आपका रास्ता देख रही है । सम्बन्धो में छोटी-छोटी बात को लेकर करवाहट न लाये आप अपनी तरफ से पूर्ण मनोयोग से कडवाहट दूर करने में लगे रहेगे।
गुरु का कुम्भ राशि पर प्रभाव
कुभ लग्न एवं राशि के जातकों को वृहस्पति दूसरे तथा लाभ भाव का स्वामी होकर गोचर में आपके द्वादश भाव में स्थित है अतः आपको आपको धन को परिवार के लिये खर्च करना पडेगा और यह आपका संचित धन ही व्यय होगा संतान को पढने के लिये बहार भेजना पड सकता है । ज्ञान में वृद्धि होगी मुख्य रूप से मोक्ष के विषय में जानने की लालसा बढेगी । धन उपार्जन के नए-नए रास्ते खोजने का प्रयास कर सकते है सकते हैं। संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। नए कार्य की शरुआत हो सकती है। यदि विद्यार्थी है तो आपका कोई न कोई पाठ्यक्रम में प्रवेश मिल सकता है परन्तु उसके लिये घर से दूर जाना पड सकता है। आपके बड़े भाई का सहयोग मिलने में संदेह रहेगा। आपमें प्यार का परवान भी चढ़ सकता है अतः अपनी मर्यादा का ध्यान रखते हुए ही कदम आगे बढ़ाये। झूठ-सच बोलकर लाभ लेने से बचें। आप वैवाहिक बंधन में बंध सकते है। पडोसियों से संबंधो में मधुरता बढेगी। बैंक बेलेंस कम हो सकता है कार्यक्षैत्र का विस्तार विदेशों या जन्मस्थान से दूर कार्यक्षैत्र का विस्तार होगा।
गुरु का मीन राशि पर प्रभाव
मीन लग्न व राशि के जातकों को दवगुरू बृहस्पति का गोचर लाभ भाव में होगा राशि का स्वामी गुरु का गोचर आपके लाभ भाव में हो रहा है अतः आपके कार्यो का विस्तार बढ़ेगा। आपके व्यापार और व्यवसाय में वृद्धि होगी। व्यवसाय और नौकरी को लेकर की गई यात्राएँ सुखद रहेगा। आपको बडे भाई बहनों का सहयोग मिलेगा। सामजिक तथा पारिवारिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी जिससे लोकप्रियता में वृद्धि होगी । नए लाभ के अवसर मिलेंगे तथा नौकरी में परिवर्तन का यह अनुकूल समय है। संतान के कार्यकलाप मन को प्रसन्न करेंगे । नया मकान ले सकते है और नये या पुराने मकान को किराये पर दे सकते है। व्यापार में धन का निवेश कर सकते है। स्वास्थ उत्तम बना रहेगा। परिवार का माहौल सौहार्दपूर्ण रहेगा। स्थाई संपत्ती का सुख बढेगा । न्यायालयीन प्रकरणों में माहोल पक्ष में बनेगा। जीवन साथी से संबंध बेहतर रहेगें। पाटनरशिप में शुरू किये काम सफलता देगें।
क्या उपाय करें
जिन राशि के जातकों को गुरु नेष्टप्रद हो वे गुरु की शांति के लिए बृहस्पति स्तोत्र कवच का पाठ करें।
- गुरु मंत्र ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: अथवा ऊं गुं गुरवे नम: मंत्र के 19 हजार जाप स्वयं करें या पंडित से कराएं।
- गुरुवार का व्रत करें, गुरुवार को पीले धान्य का भोजन करें, पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- गुरुवार को श्रीहरि, पीपल, केले वृक्ष तथा गुरु यंत्र का पूजन बृहस्पति के वैदिक-पौराणिक मंत्रों अथवा उपर्युक्त बीजमंत्रों से हवन करें।
- तर्जनी अंगुली में पीला पुखराज रत्न या उपरत्न सुनहला, लाजवर्त मणि धारण करें।
- पीले वस्त्र, पीला अनाज जैसे चने की दाल, पीतल, कांस्य पात्र, हल्दी, सुवर्ण, खांड, पीले फल, पीले पुष्प तथा धार्मिक ग्रंथ जैसे रामायण, गीताजी आदि का दान करने से गुरु की शांति होती है।
- जिस कन्या के विवाह में गुरु बाधाकारक हो, अशुभ हो तो वह उपर्युक्त पद्धति अनुसार यथाशक्ति गुरु की शांति करवाए। गुरु की शांति होने पर शीघ्र विवाह का मार्ग खुलेगा।
- गुरु का पौराणिक मंत्र
ऊं देवानां च ऋ षीणां च गुरुं कांचनसंनिभम् ।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ।।
सटीक उपाय
विष्णुसहस्त्र नाम स्तोत्र का पाठ अवश्य करे।
रविशराय गौड़
ज्योतिर्विद