सुप्रीम कोर्ट में हाथरस कांड की सुनवाई में उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया कि उसे ऐसी सोफिया सूचना मिली थी कि अगर पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी । उस रात ऐसा माहौल बन गया था कि शव को गुपचुप तरीके से लाने पर मजबूर होना पड़ा
आपको बता दें कि हाथरस में बलात्कार के आरोप के बाद पीड़िता को दिल्ली रेफर किया गया था और वह उसकी मृत्यु हो गई थी जिसके बाद पुलिस ने आधी रात को ही उसका शव खेत में जला दिया था जिसके बाद देश में राजनीतिक माहौल गरमा गया और सभी ने इस बात पर सवाल उठाए हैं
राजनीतिक दल भी लगातार इस बात के लिए सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार पीड़िता के नहीं आर आरोपियों के साथ है