main newsएनसीआरगाजियाबादग्रेटर नॉएडानोएडाबाहरी एनसीआर

स्कूल फीस माफी मुद्दा : क्या योगी सरकार अभिभावकों की समस्या समझ नहीं रही है या समझना नहीं चाहती है, भाजपा की जिद और लापरवाही यूपी चुनाव में आम आदमी पार्टी को से सकती है मौका

देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन क्या हुआ बहुत से लोगों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई लोगों की नौकरियां चली गई व्यापार ठप हो गए ऐसे में दिल्ली एनसीआर समेत पूरे देश में स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों ने सरकार से यह उम्मीद की कि वह स्कूलों की पहले क्वार्टर की फीस माफ कर दें जिसमें लॉकडाउन के चलते पढ़ाई नहीं हुई दूसरे क्वार्टर से सिर्फ ऑनलाइन के नाम पर फीस ली जाए ताकि देश में कोरोना के कारण आई मंदी से जूझते लोगों को बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई परेशानी ना हो

लेकिन 5 महीने के लगातार संघर्ष या सरकार से मांग करने के बावजूद सरकार की तरफ से ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिला जिसमें सरकारी या प्राइवेट स्कूलों की फीस माफ की जा रही हो या उसमें कोई रियायत दी जा रही है उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सिर्फ एक आदेश निकाला गया है की प्राइवेट स्कूल स्कूल बस का किराया स्कूल फीस में नहीं लेंगे

ऐसे में अभिभावकों के लिए यह स्थिति वाकई असहज है लोग लगातार सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि वह आम जनता की परेशानी को समझें मगर सरकार इस परिस्थिति में लोगों को ना तो कोई रियायत देने को तैयार हैं ना ही इसका कोई समाधान निकालने की सोच रही है । तो प्राइवेट स्कुलो के बच्चो की फीस देने के लगातार बढ़ते दबाब के बीच अब अभिभावकों का सब्र भी टूटने लगा है I भाजपा समर्थक लोगो का प्रदेश सरकार से मोह भंग होने लगा है लोगो का फ्रस्टेशन कब सडको पर सरकार के खिलाफ दिख जाए , किसी को नहीं पता है

इसी क्रम में गाजियाबाद की एक पेरेंट्स एसोसिएशन 2 सितंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भी बैठ रही है यही हाल उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी जल्द ही दिखाई दे तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगा

क्या योगी जी के सुशासन पर भारी पड़ेगा बच्चों की फीस का मामला?

लेकिन यह बात अब सिर्फ आम जनता की परेशानियों तक ही सीमित नहीं रह गई है हम सभी जानते हैं की 2020 के खत्म होते होते उत्तर प्रदेश की राजनीति चुनावी मोड में चली जाएगी ऐसे में भाजपा सरकार का बच्चों की शिक्षा को लेकर नकारात्मक रवैया और स्कूलों के प्रति कोई बड़ी कार्यवाही का ना करना प्रदेश में विपक्षी दलों को बड़ा मौका दे सकता है जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भुनाने में लग दी गई है उसको अभिभावकों के दर्द पर मरहम लगाने का मौका भी मिल रहा है पड़ोसी राज्य दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में लगातार ऐसे बयान मुख्यमंत्री की तरफ से आते रहते हैं जहां लोगों को शिक्षा पर उस पार्टी का स्टैंड बेहतर लगता है

क्या अभिवाभको का आक्रोश बदल सकती है गौतम बुध नगर और गाजियाबाद की सियासत

दिल्ली से सटे गौतम बुध नगर और गाजियाबाद की राजनीति को समझने वाले लोग बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जल्द ही अगर स्कूल और शिक्षा को लेकर बढ़ रहे आक्रोश पर कोई एक्शन नहीं लिया तो 2022 में इन सीटों पर भाजपा का गणित गड़बड़ा सकता है गौतम बुध नगर और गाजियाबाद में शहरी क्षेत्र बहुत बड़ा है और सभी लोगों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं ऐसे में अभिभावकों को आक्रोश अगर भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने लगा तो 2022 में भाजपा इस क्षेत्र में हार भी सकती है

नोएडा गाजियाबाद जैसे बड़े शहरों में तमाम भाजपा से जुड़े लोग भी अब आम आदमी पार्टी के नेताओं से ना सिर्फ मिलने लगे हैं बल्कि उनका झुकाव धीरे-धीरे भाजपा से आम आदमी पार्टी की तरफ होता जा रहा है आम जनता अपने बच्चों के भविष्य के नाम पर भाजपा के हिंदुत्व के नारे को कब तक उठा पाएगी इसका आकलन आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी की आक्रामकता से दिख सकता है

आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा सरकार के मंत्रियों के ही अधिकांश प्राइवेट स्कूल प्रदेश में चल रहे हैं ऐसे में भाजपा सरकार अपने किसी भी मंत्री के स्कूलों की फीस माफ करने के पक्ष में नहीं और यही बात 5 महीने के लगातार संघर्ष से लोगों के दिमाग में घर-घर जा रही है

ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लोगो की मांगों को नहीं सुनेगी या फिर लोगों के दर्द को समझ कर प्राइवेट स्कूलों के साथ बात करके कोई समाधान निकालेंगे यह आने वाले दिनों में दिख जाएगा

NCRKhabar Mobile Desk

हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये दे सकते है

Related Articles

Back to top button