देश भर में हलाल प्रोडक्ट और हलाल सर्टिफिकेट से उपजे हलाल इकॉनमी को लेकर अब देश के भीतर आवाजें जोर पकड़ने लगी है I सोशल मीडिया और समाज के कई तबकों से तो समय-समय पर बायकाट हलाल प्रोडक्ट तो चलाया ही जा रहा था, देशभर में हलाल कारोबार का अब जनता के बीच में जाकर विरोध किया जाएगा विहिप का कहना है कि देश में हलाल सर्टिफिकेशन कारोबार का कोई नियामक नही है और उसके बावजूद इसके सर्टिफिकेशन बेचा जा रहा है और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।…
विश्व हिंदू परिषद के महासचिव सुरेन्द जैन ने कहा है कि देश विदेश में बढ़ते हलाल कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए एक देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश मे हलाल नियंत्रण मंच की स्थापना की गई है और इसी के तत्वाधान में पूरे देश मे हलाल कारोबार के खिलाफ मुहिम चलाई जाएगी. सुरेंद्र जैन ने कहा कि मांस के साथ-साथ खाने पीने के जरूरी सामानों में भी हलाल सर्टिफिकेशन का सिस्टम शुरू हुआ है I पिछली सरकारों ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हलाल सर्टिफिकेट को मान्यता दी है, जिससे देश मे इसका कारोबार बढ़ा है
हालत ये है कि एयर इंडिया और रेलवे जैसे जगहों में भी हलाल सर्टिफिकेट के समान परोसे जा रहे है, जो गलत है I सुरेंद्र जैन ने कहा कि हलाल का सर्टिफिकेट का कारोबार भारत समेत दुनिया मे लगातार बढ़ रहा है और इसका पैसा कहा जाता है, ये किसी को नही पता. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देश ने इस बात की आशंका जताई है कि हलाल इकॉनमी से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया जा रहा है
क्यों हो रहा है इसका विरोध?
1. हलाल सर्टिफिकेशन के बाद उत्पादों की कीमत बढ़ जाती है क्योंकि पूरी प्रक्रिया में पैसे लगते हैं जो कंपनिया ग्राहकों से वसूलती हैं.
2. हलाल सर्टिफिकेशन के लिए कई प्रक्रियाओं में गैर-मुस्लिमों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हैं, जैसे हलाल स्लॉटरहाउस.
3. हलाल सर्टिफिकेशन कारोबार का कोई नियामक नही है, जिससे वहां के पैसे की कमाई का कोई रेगुलेशन नहीं होता है. आरोप इस बात के भी लगाए जा रहे है कि इन कारोबार के पैसे का इस्तेमाल आंतकवाद और गैर कानूनी इस्लामिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है