जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए बनी पुनर्स्थापित एवम पुनर्वासन समिति से 10 दिन पहले बनाए गए अभिषेक शर्मा को हटा दिया गया है सूत्रों की माने तो ऐसा डॉक्टर महेश शर्मा की सिफारिश पर किया गया है इसके बाद शहर में चर्चाओं का माहौल गर्म है
बताया जा रहा है कि 12 जून को यूपी के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की निर्वाचन एवं विस्थापन समिति के गठन को मंजूरी दी थी जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग इस सिफारिश पर गौतम बुध नगर के जिला अधिकारी सुभाष एल वाई की अध्यक्षता में 11 सदस्य बनाए गए थे जिनमें डॉ महेश शर्मा के प्रतिनिधि के तौर पर अभिषेक शर्मा को भी शामिल किया गया था जिस पर क्षेत्र में लोगों ने अभिषेक शर्मा को बधाइयां भी से दी थी
लेकिन 4 दिन बाद ही 16 जून को डॉ महेश शर्मा ने गौतम बुध नगर प्रशासन को एक पत्र भेज दिया जिसमें उन्होंने अभिषेक शर्मा के स्थान पर जेवर के रहने वाले संजीव शर्मा की समिति में नियुक्ति की सिफारिश कर दी । हालांकि संजीव शर्मा की नियुक्ति में भी पेंच फंस गया है नागरिक उड्डयन विभाग समिति के सचिव ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जता दी है जिनके अनुसार संजीव शर्मा पर कई तरीके के गंभीर आरोप हैं ऐसे में उनकी नियुक्ति से पूर्व शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं
वही भाजपा में भी अभिषेक शर्मा को हटाए जाने के बाद नेताओं में अलग-अलग राय बन रही हैं डॉ महेश शर्मा के समर्थक कह रहे हैं कि क्योंकि जेवर के स्थानीय व्यक्ति को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए इसलिए अभिषेक शर्मा को हटाकर संजीव शर्मा की सिफारिश की गई लेकिन डॉ महेश शर्मा के विरोधियों का कहना है कि इसी समिति में शामिल पूर्व विधायक अमित अग्रवाल तो मेरठ के निवासी हैं ऐसे में डॉक्टर महेश शर्मा का ये तर्क कमजोर पड़ता है कि स्थानीय निवासी की नियुक्ति ही सही है भाजपा में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि अभिषेक शर्मा पहली समिति में भी थे जो करीब 2 साल से काम कर रही थी तो आखिर अब ऐसा क्या हो गया है कि अभिषेक शर्मा के नाम पर आपत्ति हो गए