कोरोना से लड़ाई में बीते 50 दिनों में अनगिनत नायक दिल्ली एनसीआर में उभर कर आए। ऐसे ही नायकों की अनकही कहानियां हम एनसीआर खबर पर ला रहे है । कुछ नायक हमने चुने है कुछ की जानकारी आप देंगे ताकि हम सभी नायकों को आप तक पहुंचा सके I आज की कड़ी में हम आपको बता रहे हैं मां सीता रसोई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भाजपा के बिसरख मंडल के महामंत्री आदित्य भटनागर के बारे में
राजनीति में सब कुछ पॉवर के बल पर ही नहीं बल्कि ईमानदारी, प्रेम ऑर समर्पण से भी पाया जा सकता है । सीता रसोई के लिए मंडल अध्यक्ष को एक ऐसे विनम्र ऑर समर्पित योद्धा की जरूरत थी जो इस रसोई के प्रबंधन को कुशलता से निभा सके। उनकी खोज खत्म हुई पार्टी के महामंत्री आदित्य भटनागर पर जिनको कार्यकारणी में उनके समर्पण ऑर संगठन प्रेम के लिए ही जाना जाता है । ऐसे में मां सीता रसोई के लिए समस्त कार्यकर्ताओं और सोसायटी से जितना भी सहयोग आया उसकी व्यवस्था और प्रत्येक दिन किसी भी प्रकार की जरूरत रसोई में चाहिए उसकी व्यवस्था आदित्य के पास ही थी
लाल बहादुर शास्त्री के जीवन चरित से प्रभावित ऑर उन्हीं को अपना आदर्श मानने वाले जिस कोरोना योद्धा की बात कर रहे हैं उसने कम उम्र में ही अपना स्थान ग्रेटर नोएडा वेस्ट की राजनीति में मात्र अपनी कर्तव्यपरायणता और राष्ट्र के प्रति सेवाभाव से बना लिया।
कॉलेज के समय से ही एबीवीपी से जुड़े आदित्य ने दिल्ली विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रीय कार्यकर्ता के रूप में कई चुनावी समर में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता के रूप में भूमिका निभाई।
कालेज के बाद जीवन की आपाधापी और मध्यमवर्गीय परिवार की आकांक्षाओं के बोझ तले जीवन राजनीति से दूर ले आया। दिल्ली के मध्यमवर्गीय सामान्य कायस्थ परिवार में जन्म लेने वाले आदित्य भटनागर जब परिवार सहित नोएडा में आकर शिफ्ट हुए तो सामने बड़ा प्रश्न था पिताजी के आगे क्या??
लेकिन आदित्य के मन में तो कुछ और ही चल रहा था। आदित्य नोएडा में अपने इंटीरियर डिजाइन के व्यवसाय में लगे हुए थे कि 2013 में मोदी जी के लिए देश के लिए राष्ट प्रेम की लहर में फिर से भाजपा के लिए सोशल मीडिया के जरिए 2014 के चुनावी समर में अपनी आहुति देने हेतु जुट गये । एक साधारण परिवार का आम जनमानस जिसके ह्रदय में मात्र भारत माँ को पुनः विश्वगुरु के पद पर आसीन करने के लिए नरेंद्र मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाना था।
ये संघ के आदर्श ही थे कि अंतर्जातीय विवाह कर समाज में दहेज जैसी कुरीति के खिलाफ खड़े होने वाले आदित्य खुद्द भी ग्रहस्थ जीवन की अत्यंत आवश्यक जिम्मेदारियां निभाने में लग गए।
पारिवारिक दायित्व के लिए शिथिल पड़ी सक्रियता एक बार पुनः 2019 में पार्टी की सदस्यता ग्रहण शुरू हुई और इस युवा ने चुनावी समर में मोदी 2.0 के लिए स्थिर होते व्यवसाय को दांव पर लगा फिर से भारत माता को सर्वस्व अर्पण कर दिया।
निजी हित की जगह देश हित के लिए पार्टी के सक्रिय सदस्य के रुप मे पार्टी से जो जुड़े तो 2020 में बिसरख मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया की नजर इस बहुआयामी प्रतिभा के युवा पर पड़ी।
रवि भदौरिया ने आदित्य को मंडल में महामंत्री के अतिमहत्वपूर्ण पद पर सुशोभित कर पार्टी और भारत माँ के प्रति समर्पण को नए आयाम दिए
मंडल की प्रत्येक जिम्मेदारी को स्वतः आगे बढ़कर लेने वाले महामंत्री आदित्य अपने इसी गुण के कारण पूरी कार्यकारिणी, संगठन समेत सभी विधायकों और क्षेत्र के सासंद के प्रिय है
कोरोना के संकट के बीच भी लगातार कोरोना योद्धा के रूप में डटे रहे। एनसीआर खबर उन्हें कोविड के नायक सम्मान से सुशोभित कर गर्व महसूस कर रहा है