विडियो कांफ्रेंसिंग टूल ज़ूम के खिलाफ प्रतिबन्ध के लिए मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है I शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्लिकेशन जूम के इस्तेमाल पर जवाब मांगा है। उच्चतम न्यायालय में यह याचिका दिल्ली निवासी हर्ष चुघ ने दायर की।
आपको बता दें कि वकील वाजीह शाफिकद्वारा कल दायर इस याचिका में मांग की गई है कि भारत के नागरिकों द्वारा उचित कानून बनाने तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्लिकेशन जूम के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस एप्लिकेशन का निरंतर उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगा सकता है और भारत में साइबर खतरों और साइबर अपराधों की संख्या में उछाल आ सकता है गृह मंत्रालय पहले ही ज़ूम को असुरक्षित होने की सलाह जारी कर चूका है
याचिका में कहा गया है कि “जूम सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन का उपयोग करने वाले व्यक्तियों की निजता को खतरा है और यह साइबर सुरक्षा को भी प्रभावित करता है। ज़ूम वीडियो कम्युनिकेशंस के सीईओ ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है और सुरक्षित रूप से सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के मामले में एप्लिकेशन को दोषपूर्ण माना है जो साइबर सुरक्षा के मानदंडों के खिलाफ है।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया जिसने गोपनीयता को लेकर चिंता बढ़ा दी हैचीफ जस्टिस के अलावा पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे। पीठ ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते के अंदर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
दरअसल ज़ूम को लेकर गृह मंत्रालय की सलाह के बाबजूद आज कल भाजपा के ही कई नेता , स्कुल और सामाजिक संगठन लगातार ज़ूम का प्रयोग करने में लगे है I ज़ूम को लेकर कोलकत्ता में हैक करने की खबरे आ चुकी वहीं चंडी गढ़ में एक स्कूल क्लास के दौरान हैकर ने एक बच्चे के अकाउंट से पोर्न चलने का मामला अभी आया था