कोरोना से लड़ाई में बीते 50 दिनों में अनगिनत नायक दिल्ली एनसीआर में उभर कर आए। ऐसे ही नायकों की अनकही कहानियां हम एनसीआर खबर पर ला रहे है । कुछ नायक हमने चुने है कुछ की जानकारी आप देंगे ताकि हम सभी नायकों को आप तक पहुंचा सके I आज की कड़ी में हम आपको बता रहे हैं नेफोमा (नोएड़ा एक्सटेंशन फ़्लेट ओनर्स एण्ड मेम्बर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष अन्नू खान के बारे में
वैश्विक कोरोना महामारी के समय में जब कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा था तव नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बहुत ही हिम्मत करके कोरोना से लड़ने के लिए वॉलिंटियर ग्रुप बनाया और पहले दिन से ही पहले दिन से सूखा राशन बाटना शुरू किया उसके कुछ दिन बाद नेफोमा ने अपनी रसोई चालू कर दी अन्नू और उनकी टीम लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताते है और कोरोना से लड़ने के बचाव भी समझाते हैं
ग्रेटर नॉएडा वेस्ट के चर्चित गौरव चन्देल हत्याकांड में नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने न्याय दिलाने के लिए कड़कड़ाती ठंड में रात भर नेफोमा की टीम के साथ धरने पर बैठे रहे और सभी चुने हुए प्रतिनिधि से बात कर उनको न्याय दिलाने में संक्रिय भूमिका निभाई
अन्नू खान नेफोमा के जरिये सभी सोसाइटियों की मूलभूत सुविधाओं के लिए, सड़क, नाली, पुलिस सुरक्षा के लिए जी जान से जनता की सेवा के लिए कार्य करते है उनके फेसबुक ग्रुप में तीस हजार से अधिक मेम्बर्स जुड़े हुए है
अन्नू खान का जन्म ग्राम पंचायत भदसान, तहसील अजीतमल, जिला औरैया जो कि पहले इटावा था में 20 मार्च 1978 को साधारण व राजनीतिक परिवार में हुआ, उनके पिता डॉ० बादशाह खान किसान एवं वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार थे 25 साल से अधिक जीवन के अंत तक सहकारी समिति के अध्यक्ष रहे, पिता जी की निस्वार्थ सेवा से घर की माली स्थित अच्छी नही थी
इसलिए उनसे ही प्रेरणा लेकर अन्नू खान सन 1996 में दिल्ली आ गए और ओखला में एक कम्पनी में मेनेजर बनकर सन 2000 तक नौकरी की, सन 1998 में अपनी मन पसंद शादी शहनाज खान (पूनम कोहली) से की, शादी के बाद नोएडा सेक्टर 9 में प्रिंटिंग प्रेस का काम स्टार्ट कर अपना व्यवसाय स्टार्ट किया, पिता जी हमेशा हौसला बढ़ाते थे और जब भी बात होती अच्छे काम और ग़रीबो की मदद करने की सीख देते
2010 में सरकार और बिल्डरों द्वारा ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) में अफोर्डेबल स्कीम के तहत फ्लेट लांच किए गए, फरबरी 2011 में वेदानंतम बिल्डर के यहाँ फ्लेट बुक कर दिया सोच दिल्ली एनसीआर में हमारा एक फ्लैट होगा जिसकी तीन साल बाद पोजेशन मिल जाएगी, घर मे बच्चे, पिता जी माँ सभी खुश थे लेकिन ये खुशी ज्यादा दिन नहीं रही पता चला जो जमीन बिल्डरों को सरकार ने दी है वो गलत तरीके से दी है किसानों ने कोर्ट में केस कर दिया, हमने सोचा कि जो थोड़े बहुत पैसे जोड़े है वो भी चले जाएंगे, काफी सोच समझ के बाद पिता जी की नसीहत ही काम आयी, कोर्ट में किसान अपनी जमीन वापिस मांग रहे थे कोर्ट को यह कोई नही बता रहा था कि बिल्डरों ने वहाँ एक लाख फ्लेट बुक करके फ्लेट बॉयर्स से पैसे ले लिए है कोर्ट अपने हिसाब से फैसला सुना रही थी,
अन्नू समेत 6 बॉयर्स ने मिलकर एक नेफोमा (नोएड़ा एक्सटेंशन फ़्लेट ओनर्स एण्ड मेम्बर्स एसोसिएशन) टीम का गठन किया और बॉयर्स के हक के लिए इलाहाबाद कोर्ट जाने का फैसला किया, कोर्ट में जाकर मा० कोर्ट को नोएड़ा एक्सटेंशन की सारी स्थिति से अवगत कराया, तब मा० कोर्ट ने बॉयर्स के हक फ्लेट को सुरक्षित करते हुए अक्टूबर 2011 में अहम फैसला दिया, जिसमे बॉयर्स के साथ किसानों का भी ध्यान रखा गया ऑर्डर के अनुसार बढ़ा हुआ मुआवजा 64.4, विकसित आबादी 10% देने हुक्म प्राधिकरण को दिया साथ ही बिल्डरों के लिए मास्टर प्लान 2021 एनसीआर प्लांनिंग बोर्ड से प्राधिकरण को अप्रूवल लेने के लिए बोला साथ ही मास्टर प्लान जब तक पास नही होता तब तक सभी बिल्डरों के प्रोजेक्टो पर काम बंद करने का आदेश था,
ऑर्डर सुनकर खुशी भी हुई और निराशा भी फ्लेट का काम फिर रोक दिया गया, किसान आए दिन बिल्डरों के प्रोजेक्टो पर ताला लगाते, ग्रेटर नोएडा उन दिनों एक आंदोलन नगरी बन गया, पूरे पूरे दिन लाइव हर चेनल पर सिर्फ नोएड़ा एक्सटेंशन के बिल्डरों की ही न्यूज चल रही थी, अब किसानों की लड़ाई ऑर्डर के हिसाब से मुआवजा और विकसित आवादी लेना था जो कि प्राधिकरण आसानी से दे नहीं रहा था इधर बिल्डरो से फ्लेट बॉयर्स को फ्लेट कैसे मिले जब तक मास्टर प्लान स्वीकृति न मिले उसके लिए हमने नोएड़ा और एनसीआर प्लांनिंग बोर्ड में धरने प्रदर्शन किए अंत मे किसी तरह एक साल बाद 2012 में मंत्री कमलनाथ का दिल पसीजा और उन्होंने मास्टर प्लान को स्वीकृति दी,
मास्टर प्लान स्वीकृति मिलने के बाद कुछ बिल्डरों के मन मे लालच आ गया और छोटी छोटी सी बातों पर हजारों फ्लेट कैंसिल किए, नए फ्लेट के रेटो में दुगनी बढोतरी कर दी, उसके लिए लड़ाई जारी की,
2012 में सरकार बदल चुकी था अब अखिलेश सरकार थी, सरकार ने जल्द फ्लेट दिलाने के लिए लिए कोई दिलचस्पी नही दिखाई और कई बार पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलकर अन्नू अपनी टीम के साथ मायूस लौट आए, 2014 आते आते नोएडा एक्सटेंशन में फ्लैट दो से ढाई लाख तक बिल्डरों ने फ्लेट बेच दिए, ज्यादातर बिल्डरों ने स्ट्रक्चर खड़ा करके 95% पैसे बसूलकर काम बंद कर दिया और 2017 आते आते ज्यादातर पैसा दूसरी जगह शिफ्ट कर पैसा न होने का बहाना कर बैठ गए, 2017 में भाजपा सरकार चुनी गई हम सभी ने हिम्मत नहीं हारी हर बॉयर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे जबकि कई बार बिल्डरों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई, धरना प्रदर्शन करने पर एफआईआर तक दर्ज की गई,
भाजपा की नई सरकार बनने पर हमारे तीनो जन प्रतिनिधि विधायक पंकज सिंह, तेजपाल नागर जी, ठा० धीरेंद्र सिंह व सांसद डा० महेश शर्मा ने बड़ी गंभीरता से बिल्डर और बॉयर्स के प्रकरण को लेकर मा० मुख्यमंत्री योगी जी के सानिध्य में रख बॉयर्स प्रतिनिधि मंडल की मीटिंग कराई व एक तीन मंत्री मंडल समित भी बनाई, सरकार ने काफी अच्छा प्रयास किया, समय समय पर प्राधिकरण और बिल्डरों की मीटिंग भी कराते है जिससे बिल्डर, बॉयर्स समस्या का समाधान निकले लेकिन बिल्डर अभी भी पैसा न होने का रोना रोते है आज भी सरकार के अथक प्रयास के बाद 25% फ्लेट बॉयर्स को फ्लेट मिल पाए है 75% बॉयर्स के हक की लड़ाई जारी है,
भारत मे रेरा कानून बनवाने व उत्तर प्रदेश में रेरा कानून लागू करवाने में अहम भूमिका निभाई कुछ फेरबदल पिछली सरकार द्वारा किए गए उसको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मीटिंग कर अवगत कराया, बाद में रेरा अधिकारियों ने नेफोमा की अहम भूमिका को देखते हुए नेफोमा सदस्यों रेरा कंसलेशन फोरम का सदस्य नियुक्ति किया जहां लोगो को न्याय दिलाते है
कोरोना के संकट के बीच भी लगातार कोरोना योद्धा के रूप में डटे रहे। एनसीआर खबर उन्हें कोविड के नायक सम्मान से सुशोभित कर गर्व महसूस कर रहा है