कोरोना वायरस को लेकर भारतीय कम्पनियों द्वारा वैक्सीन बनाने के दावे करने वालो के लिए ये खबर अच्छी नहीं है इन सभी कंपनियों का शोध फिलहाल प्राथमिक स्तर पर ही है और अगले एक साल के अंदर स्वदेशी वैक्सीन विकसित होने की कोई संभावना नहीं है। केंद्र सरकार ने वैक्सीन विकास के प्रयासों को केंद्रीय स्तर पर समन्वित करने के लिए बायोटेक्नोलॉजी विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है
डब्ल्यूएचओ ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जायड्स कैडिला, इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड और भारत बायोटेक को ही अधिकृत तौर पर वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियों की वैश्विक सूची में जगह दी है।
सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा, “हम जानते हैं, हम इस समय वैक्सीन विकास की एडवांस स्टेज पर नहीं हैं। बहुत सारे आइडिया और कंपनियां वैक्सीन विकास की प्रक्रिया चालू कर चुकी हैं, लेकिन वैक्सीन उम्मीदवारों के हिसाब से परीक्षण के स्तर पर कुछ भी नहीं है। भारत में अभी तक कोई कंपनी वैक्सीन की टेस्टिंग स्टेज में नहीं है