स्वामी विवेकानंद जी की 157 वीं जन्म जयंती पर गौर सिटी के राधाकृष्ण पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा चैतन्य युवा समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा संगीतमय सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से हुई। प्रारम्भ में सभी लोगों ने मिलकर सूर्यनमस्कार किया और इसके वैज्ञानिक फायदे भी लोगों को बताए गए। स्वामी जी के जीवन से जुड़े नाटक की प्रस्तुति भी की गई जिसके माध्यम से समाज में अस्पृश्यता और छुआछूत पर कुठाराघात किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात शिक्षाविद और लेखक डॉ बलवंत सिंह राजपूत ने की और मुख्य वक्ता संघ के उत्तरप्रदेश के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर रहे। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि स्वामी जी का मानना था कि राष्ट्र की शक्ति समाज मे समाज की शक्ति एकात्मता, समरसता के भाव मे निहित है। इसका निर्माण करने का सामर्थ्य अपने सनातन दर्शन में है। “आत्मवत सर्वभुतेषु, अद्वेष्टा सर्वभूतानां” के अनुसार सबके साथ आत्मीयता, सम्मान एवँ समता का व्यवहार होना चाहिए। समाज मे भेदभावपूर्ण व्यवहार तथा अस्पृश्यता जैसी कुप्रथा जड़ मूल से समाप्त हुई चाहिए।
अपने सन्यासी जीवन मे स्वामी जी ने समरसता के इस आचरण को सदैव परिलक्षित किया। अंत मे गौर सिटी के दिवंगत गौरव चंदेल जी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। वन्दे मातरम से कार्यक्रम का समापन हुआ। एकल गीत महेंद्र ने प्रस्तुत किया और मंच संचालन विनीत ने किया। आभार प्रगट नगर संघचालक कृष्णचैतन्य ने किया। कार्यक्रम में ॐ नगर के अंतर्गत आने वाले गौर सिटी, क्रासिंग रिपब्लिक, चिपियान, राम श्याम इन्क्लेव से सैकड़ों निवासी सम्मिलित हुए।