कल एक बेहद रोचक चर्चा थी किसी की वाल पर, किसी भाजपाई ने कांग्रेस के नए उत्तर प्रदेश अध्यक्ष को टिकट ब्लैक करने वाला बताते हुए कटाक्ष किया की कांग्रेस में ऐसे लोग हैं तो एक और मित्र हरिशंकर शाही ने लिखा कि भाजपा ने तो कानूनी तोर पर घोषित तड़ीपार (काली दाड़ी )को ही अध्यक्ष बना दिया , जाहिर है उनका इशारा सीधा आज के वर्तमान गृहमंत्री amit शाह की तरफ था
खैर दोनों ही पक्ष इस बात पर अड़ गये की आपने दुसरे वाले के नेता को ऐसा कैसे कह सकते है I सोशल मीडिया के तय नियम के अनुसार एक दुसरे की ट्रोलिंग भी होने लगी , दोनों तरफ के चापलूस भक्त और चमचे आकर लिखने लगे की भाषा की मर्याद बनी रहनी i चाहए
लेकिन कोई भी आदमी ये मानने को तैयार नहीं था की अगर कांग्रेस नेता सिनेमा टिकट ब्लैक करते थे या भाजपा नेता तड़ी पार घोषित हुए तो जाहिर तोर पर कुछ ना कुछ तो अपराध उन्होंने किये ही होंगे इसको लेकर इतनी मारामारी क्यूँ?
क्या नेताओ के पुराने अपराध जनता पर दबाब डाल कर छिपाए जायेंगे अगर अमित शाह कभी तड़ी पार हुए हैं तो निश्चित तोर पर वो उनके जीवन का काला अध्याय है
और आज की राजनीती का सच भी यही है की इसमें अपराधी प्रवत्ति के लोगो की भरमार हो गयी है और यही अपराधी प्रवती के लोग, उनके परिवार या समर्थक चाहते हैं की इनकी कारगुजारीयां जनता में चर्चा का विषय नहीं बने
जबकि ऐसा हो नहीं सकता है ऐसी बातें कभी पीठ पीछे तो कभी सामने कही ही जायेंगी किसी प्रकार का कोई दबाब जनता को सच बोलने से तो नहीं रोक सकता है
भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और संविधान की IPC से इसको चलाया जाता है इसमें कोई शरीयत या कोई अन्य प्रकार की धार्मिक या किसी प्रकार के दबाबो की गुंजाइश संभव नहीं है
इसलिए बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर बाकी दल , सभी के लिए आज ज़रूरत इस बात की है की वो अपनी पार्टी में स्वच्चा रिकार्ड वाले लोगो को ही जगह दें I
अगर गलत लोगो को जगह देंगे तो लोग तो कह्नेगे ही और बातें भी करेंगे क्योंकि सच किसी दबाब में छिपता नहीं है