हिंदुस्तान कभी कमजोर नही रहा,हिंदुस्तान की पोलिटिकल विल जरूर कमजोर रही लेकिन इंदिरा गांधी जरूर अपवाद रही। पिडी गैंग और सबूत गैंग 48 घण्टे के अंदर ही एक्टिव हो गया। मोदी सबूत दे। जिन्हें ‘मोदी है तो मुमिकन है’ से ऐतराज है वो ‘अमेरिका है तो मुमकिन है’ का बेसुरा राग अलाप रहे हैं। मैं उनसे पूछता हूँ की अमेरिका पहले भी था तब कुछ क्यों मुमकिन नही हुआ। सीधी सी बात है जिस सिकुलर गैंग ने मोदी की विदेश यात्रओं पर सवालिया निशान लगाये की वन्दा घूँमता ही रहता है हिन्दुस्तान में टिकता ही नही, उन्हें अब उसके घूमने का शगल मालूम पड़ गया होगा।
इतना विश्व्यापी समर्थन पहले कभी नही मिला भारत को। दूसरा मोदी की विल पॉवर जिसने घुसकर मारने की पालिसी अडॉप्ट की। उससे अमेरिका और बाकी देश समझ गए की अब तीर कमान से छूट चुका है उसे रोकना मुमकिन नही। दिन भर सिक्योरिटी एजेंसियो से मीटिंग , पाकिस्तान को दोटूक की पायलट की कीमत पर कोई सौदेबाजी की कोशिश पाकिस्तान न करे और शाम 5 बजे तीनो सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस जिसमे क्या कहा जाना था ये पाकिस्तान और बाकी देश भी अच्छे से समझ रहे थे और सिकुलर गैंग भी। लेकिन क्रेडिट नही देना तो नही देना। जो कह रहे है कि सेना का पराक्रम, सही है इसमें दूसरी कोई राय नही हो सकती, लेकिन मेरा यह सवाल की सेना ने यह पराक्रम पहले क्यों नही दिखलाया, क्योंकि पोलिटिकल विल जो आज है पहले नही थी। जो देश से ऊपर पार्टी को रखते हैं अपनी घटिया सोच को रखते है वो सब मोदी ने नंगे कर दिए। नमो नमो , तो दोस्तों ‘मोदी है तो ही मुमकिन है’!