सर्वोच न्यायालय राम मंदिर पर आज कहा कि सभी पक्षकारों को छह सप्ताह के भीतर सारे दस्तावेजों की अनुदित प्रतियां उपलब्ध कराये। पीठ ने कहा कि इस मामले पर अब आठ सप्ताह बाद सुनवाई की जायेगी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस आठ सप्ताह की अवधि का इस्तेमाल मध्यस्थता की संभावना तलाशने के लिये करना चाहता है। इसके बाद ही इस मामले में सुनवाई की जायेगी।
उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद सुलझाने के लिये मध्यस्थता का सुझाव देते हुये मंगलवार को कहा कि वह रिश्तों को सुधारने की संभावना पर विचार कर रहा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि इस मामले को न्यायालय द्वारा नियुक्त मध्यस्थता को सौंपने या नहीं सौंपने के बारे में पांच मार्च को आदेश दिया जायेगा। पीठ ने कहा कि अगर मध्यस्थता की एक फीसदी भी संभावना हो तो राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इस भूमि विवाद के समाधान के लिये इसे एक अवसर दिया जाना चाहिए।