प्रेस रिलीज, ग्रेटर नोएडा सैकड़ों बायर्स बिल्डर की ठगी से परेशान होकर हाथ मे पोस्टर जिस पर बिल्डर के खिलाफ नारे लिखे हुए थे ग्रेटर नोएड़ा प्राधिकरण पहुचकर बिल्डर और प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जिसमे बहुत सी महिलाएं थी बॉयर्स का आरोप है बिल्डर ने पहले 2011 में शुभकामना के नाम से प्रोजेक्ट को लांच किया 2014 में फ्लैट की पोजेशन देना था उसके बाद दूसरे प्रोजेक्ट संपदा लिविया के नाम से बेचना स्टार्ट कर दिया, बाद में बिल्डर ने उसी प्रोजेक्ट को केंद्रीय आवास वेलफेयर हाउसिंग सोसायटी के नाम से भी बेचा, बाद में आपस मे झगड़ा दिखा कर दो डाइरेक्टर ने अपने आपको प्रोजेक्ट से बाहर दिखा दिया जबकि वो साथ साथ काम कर रहे थे एक डायरेक्टर दिवाकर शर्मा एक केस में जेल में बंद है बाकी तीन डायरेक्टर पीयूष तिवारी आदि फरार है
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने आरोप लगाया कि बिना प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत के बिल्डर कोई फ्राड नही कर सकते, बिल्डरों को 10% की किश्तों पर प्लाट उपलब्ध करा दिए अगर बिल्डरों के प्रोजक्ट पर जाकर तहकीकात की होती तो आज यह हालात नही होते,
फ्लेट बॉयर्स डा० आकांक्षा अग्रवाल ने बताया कि रेरा रियल ऐस्टेट रेगुलेटरी बिल 2016 के तहत भी बॉयर्स ने शिकायत की जिसमे रेरा पीठ ने बॉयर्स का पैसा वापिस देने का आदेश दिया आदेश की कॉपी जब ले जाकर बिल्डर को दी तो उसने ऑर्डर मानने से इनकार कहते हुए कहा कि मेरे पास पैसे ही नही है और अब हालात ऐसे है कि बिल्डर का कोई अता पता नही है ऑफिस सभी बन्द है ऐसे हम सैकड़ों फ्लेट बॉयर्स का क्या होगा, हम सभी पर दोहरी मार पड़ रही है घर का रेंट और ईएमआई के बोझ में जिंदगी दबी हुई है धरना प्रदर्शन में किरन कुशवाहा, राजू चौधरी, रमन चोपड़ा, डा० आकांक्षा अग्रवाल, नेफोमा टीम से रश्मी पांडेय, आसिम खान, दिनेश ठाकुर आदि ने भाग लिया ।