
नई दिल्ली। जेवर एयरपोर्ट के आसपास आर्थिक एवं व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एयरपोर्ट के नजदीक दिल्ली एयरपोर्ट की ही भांति एरो सिटी का विकास करने पर विचार कर रही है। मंगलवार को विमानन मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस दिशा में काम करने पर सहमति प्रकट की गई।
विमानन मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि जेवर एयरपोर्ट का विकास एयरपोर्ट के नजदीक शहरी नियोजन के समस्त पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
ऐसे में जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के साथ ही साथ ट्रेन, मेट्रो, बस, ऑटो तथा निजी वाहनों के साथ उसकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करनी होगी, ताकि एयरपोर्ट आने-जाने वाले यात्रियों एवं सामान की सकल परिवहन लागत को कम किया जा सके।
बता दें कि जेवर एयरपोर्ट का विकास सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत
होगा। बैठक के दौरान पीपीपी अनुबंध के विभिन्न मॉडलों पर चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्टि्रयल डेवलपमेंट अथारिटी (येडा) के अधिकारियों ने भरोसा दिया कि भूमि अधिग्रहण के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है तथा जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र पूरा कर ली जाएगी।
येडा ने जेवर एयरपोर्ट के लिए तकरीबन 5000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता आंकी है। इसमें से 240 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार की है, जबकि शेष पर निजी भूस्वामियों/किसानों का अधिकार है। पहले चरण में एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग तथा रनवे के लिए 1327 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यह प्रक्रिया जून तक पूरी होने की संभावना है।
जेवर एयरपोर्ट परियोजना का आधिकारिक नाम नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट है। यह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 72 किलोमीटर तथा नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा से इसकी दूरी 28 किलोमीटर तथा गुड़गांव से 65 किलोमीटर है। यहां से कार के जरिए 130 किलोमीटर का सफर तय कर आगरा पहुंचा जा सकता है।
चूंकि यह जगह यमुना एक्सप्रेस वे से सटी हुई है, लिहाजा देशी-विदेशी पर्यटकों को एयरपोर्ट से आगरा, मथुरा और वृंदावन पहंुचने में आसानी होगी।
बैठक में विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री डा. महेश शर्मा, विमानन सचिव केएन चौबे के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार और येडा के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।