इस्लामाबाद । पाकिस्तान सरकार ने जम्मू–कश्मीर की किशनगंगा पनबिजली परियोजना के मामले में भारत की शिकायत विश्व बैंक से की है। पाक ने कहा कि भारत ने 86 करोड़ डॉलर [करीब 5578 करोड़ रपये] की लागत वाली विवादित किशनगंगा जलविद्युत परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। जबकि विश्व बैंक की मध्यस्थता के बाद इसे रोकने पर सहमति बनी थी।
पाकिस्तानी अखबार डॉन में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से गुरवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने इस हफ्ते की शुरआत में विश्व बैंक को पत्र लिखा था। पत्र में विश्व बैंक से आग्रह किया गया था कि वह 1960 में भारत–पाकिस्तान के बीच हुई जल संधि की शर्तो को मानने के लिए भारत पर दबाव बनाए।
दोनों देशों के बीच हुई संधि के अनुसार भारत की छह नदियों के जल को भारत–पाकिस्तान के बीच बांटा गया था। ब्यास, रावी और सतलुज नदियां के जल पर भारत का जबकि सिंधु, चेनाब और झेलम के जल पर अधिकार पाकिस्तान का होगा।
गौरतलब है कि हाल में पाकिस्तान ने 330 मेगावाट की किशनगंगा पनबिजली और 850 मेगावाट की रैटल पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइन पर सवाल ख़़डे किए थे। इस मामले में भारत का कहना है कि संधि के अनुसार उसके क्षेत्र में बहने वाली नदियों पर वह पनबिजली संयत्र स्थापित कर सकता है। वहीं पाकिस्तान को यह डर सता रहा है कि पनबिजली योजना के बहाने कहीं भारत नदी के प्रवाह को प्रभावित न कर दे।