मुंबई। पिछले साल जब भारत के इरफ़ान और पाकिस्तान की सबा कमर स्टारर फिल्म हिंदी मीडियम रिलीज़ हुई थी तो लोगों को लगा था कि ये भी शिक्षा का ज्ञान देने वाली एक फिल्म है और बहुत हुआ तो अच्छे परफार्मेंस से वाहवाही बटोर लेगी। लेकिन हिंदी मीडियम ने न सिर्फ़ देश में सबको सकते ले ला दिया बल्कि चीन के लोगों के दिल और जेबें लूट ले गई।
चीन के बॉक्स ऑफ़िस पर इस बुधवार को साकेत चौधरी के निर्देशन में बनी हिंदी मीडियम को रिलीज़ किया गया। करीब चार हजार स्क्रीन्स में रिलीज़ हुई इस फिल्म को पहले दिन चीनी बॉक्स ऑफ़िस से 3.39 मिलियन डॉलर यानि 22 करोड़ छह लाख रूपये का कलेक्शन मिला है। इस जबरदस्त कलेक्शन के साथ भारतीय फिल्मों ने अब ये साबित करना शुरू कर दिया है कि चीन में उनकी घुसपैठ सिर्फ नाम की नहीं बल्कि बॉलीवुड की फिल्में चाइना वाले उतने ही चाव से देखते हैं, जितना इंडिया वाले चाइनीज़ पसंद करते हैं। हिंदी मीडियम ने चीन में इस ओपनिंग के साथ अपने नाम पर एक रिकॉर्ड बना लिया है। ये वहां की सेकेंड हाईयेस्ट इंडियन ओपनर फिल्म बन गई है। आमिर खान की सीक्रेट सुपरस्टार पहले स्थान पर है जिसने 6.88 मिलियन डॉलर का ओपनिंग कलेक्शन लिया था। बजरंगी भाईजान 2.8 मिलियन डॉलर के साथ तीसरे, दंगल 2.05 मिलियन डॉलर के साथ चौथे और पीके आठ लाख 99 हजार डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर है।
पिछले साल 19 मई को भारत में रिलीज़ हुई हिंदी मीडियम, शिक्षा से जुड़ी उस सोच पर करार प्रहार करने वाली कहानी रही, जो अक्सर आम ज़िंदगी का हिस्सा होती है। राज बतरा (इरफ़ान ) की दिल्ली में साड़ियों की एक दुकान होती है। ख़ूब पैसा है लेकिन अंग्रेजी में हाथ तंग। उनकी पत्नी मीता (सबा कमर ) हाई सोसाईटी में अपनी पैठ बनाने के लिए चाहती हैं कि बेटी पिया (दिशिता सहगल) का कान्वेंट स्कूल में एडमिशन हो जाय। इसके बाद माँ-बाप की जुगाड़ की प्रक्रिया शुरू होती है। अंग्रेजी सिखने से लेकर गरीबों के कोटे से एडमिशन लेने के लिए गरीबों की बस्ती में जा कर रहते की कवायद तक। बाद में सीख मिलती है कि शिक्षा, भाषा और ढकोसलों की सीढ़ी चढ़कर बड़ा नहीं बनाती है। हिंदी मीडियम ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर दो करोड़ 81 लाख रूपये से ओपनिंग ली थी और 69 करोड़ 59 लाख रूपये का लाइफ़ टाइम कलेक्शन कर रिकॉर्ड बना डाला ।