सउदी अरब से एक भारतीय इमरान खोकर का ट्वीट आते ही कि – अरब में बहुत सारे भारतीय बुरी हालत में है और कई दिन से भूखे है, विदेश मंत्रालय तुरंत हरकत में आ गया. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने अरब में भारतीय दुतावास को निर्देश दिया कि – मामले को बाद में समझते रहना, लेकिन सबसे पहले उन भूखे भारतीयों को भोजन उपलब्ध कराइए.
सुषमा स्वराज के निर्देश पर, दूतावास द्वारा भूखे भारतीयों को भोजन उपलब्ध कराया गया और उनकी हालत की वास्तविक जानकारी लेकर, भारत भेजी गई. अरब के हालात की पूरी जानकारी लेने के बाद विदेश राज्यमंत्री बी.के. सिंह सउदी अरब रवाना हुए. बहां वे भारतीयों के अलाबा सउदी अरब के शासक से मिले और उनको हालात की जानकारी दी.
भारतीयों की हालत का पता चलने पर सउदी अरब के शासक ने बी. के. सिंह से खेद व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि – हमें बहुत अफसोश है कि हमारे देश की कुछ कम्पनियों ने अपने विदेशी कर्मचारियों के साथ ऐसा गलत व्यवहार किया. हम उन कर्मचारियों को उनका बकाया पैसा दिल्बायेंगे और अपने खर्चे पर भारत वापस भेजेंगे.
जिन कंपनियों / लोगों ने भारतीयों के पासपोर्ट दबाएँ हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी. जो वापस जाना चाहते हैं उनको एग्जिट वीजा दिया जाएगा और जो यहीं रहकर काम करना चाहते हैं वे अन्य कम्पनियों में अपनी योग्यतानुसार काम तलाश कर सकते हैं. जो भारतीय अभी वापस जाते हैं उनका बकाया भी उनको भारत में भिजवाया जाएगा.
कुल मिलाकर, मामले का सौह्द्रपूर्ण हल हो गया है. इस खबर के बाद अन्य देशों में रहने वाले भारतीयों में भी ख़ुशी की लहर फ़ैल गई है. उनको विशवास हो गया है कि -परदेश आने के बाद भी उनका अपना देश पराया नहीं हुआ है. अरब में जनरल साहब को देख कर 10 हजार भारतीयों ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए और इसमें उनका मजहब भी आड़े नहीं आया ?
इस घटनाक्रम में सबसे ज्यादा साधुवाद के पात्र “इमरान खोखर” हैं जिन्होंने आगे बढ़कर मामले को सुषमा जी के सामने रखा और सबसे शर्मनाक रवैया उन भारतीयों का रहा जो वहां अच्छा कमा – खा रहे है लेकिन इसके बाबजूद उन्होंने अपने भारतीय भाइयों की मदद नहीं की. बल्कि इस घटना को ही झूठा साबित करने का प्रयास करते रहे.