उनकी बेबी को बेस पसंद है। हमारी वाली को बेसन से सने हाथ और दुपट्टा… बिलाल एम् जाफरी
एक मध्यमवर्गीय पुरुष की सबसे बड़ी समस्या उसकी पत्नी के ईर्द – गिर्द घूमती है। बॉस से डांट खाकर, बस, ट्रेन और मेट्रो में धक्के खाने के बाद अपने लैपटॉप में डेली, वीकली, मंथली, क्वार्टर ली, हॉफ़इयरली, इयरली टारगेट लेके एक पुरुष इस कामना के साथ घर में घुसता है कि उसे शायद अपनी बीवी में रब दिख जाए। मगर जब जुलाई की उमस से पसीने में नहाई और अपने में लहसुन, प्याज़, हल्दी की खुशबू समेटे पत्नी सामने दिखती है तो उसकी हालत ठीक उस दहकते कोयले की तरह होती है जिस पर किसी ने मग्गा भर पानी डाल दिया हो…
देखो, स्त्रियों मैं जानता हूँ कि चाहे घर हो या बाहर तुम अपना काम बखूबी निपटाती हो। ऐसे में अगर तुम “ऑफ़िस आर” वाले टाइम पर नहा कर थोड़ा श्रृंगार कर लो तो इसमें कोई बुराई नहीं है बल्कि इससे तुम्हारा फ़ायदा ही होगा… याद रखना तुम्हारा पति तुममें रब देखने की कामना करता है और यदि वो अपना रब तुममें नहीं पाता तो यहाँ – वहां, इधर – उधर मुँह मारता है। फेसबुक वाली “फ्रेन्डों” को इनबॉक्स में “गुड मॉर्निंग” “गुड आफ़्टरनून” “गुड नाईट” “यू लुक नाइस” “लेट्स टॉक अबाउट सेक्स” “आर यू वर्जिन” सरीखे मैसेज करता है।
बहनों तुम ही वो शक्ति हो जो अपने परिवार की खुशियों को मल्टीप्लाई कर उनमें इज़ाफ़ा कर सकती हो। वरना “मेंस आर डॉग्स” वो तो यूँ भी तुम्हारे सुख को माइनस कर पड़ोसी की बीवी या इनबॉक्स वाली में रब देखने के लिए भरे बैठे हैं…!!!
बिलाल एम् जाफरी