धर्म के नाम पर या नस्ल के नाम पर बच्चों को दबंगई से बचाईये – ताबिश
अगर हमारे घर का लड़का दबंग निकलता है.. आसपास के लोग डरने लगते हैं और हमारी डर से इज़्ज़त करने लगते हैं तो कहीं न कहीं हमारा सीना थोड़ा तो फूल ही आता है और हम ऐंठ के चलने लगते हैं.. कुछ दिनों में हमे अपने लड़के का दबंग होना दिखना बंद हो जाता है और लोगों द्वारा दी गयी इज़्ज़त स्थायी और विरासत में मिली हुई लगने लगती है
घर वालों को अपनी ये इज़्ज़त और अपने लड़के के दबंगई से मिली सुरक्षा की इस भावना के सिवा और कोई मतलब नहीं रह जाता है.. उधर लड़का धीरे धीरे दबंग से अपराधी बनता जाता है.. फिर एक समय ऐसा आता है कि अब इसी लड़के की वजह से इतने दुश्मन पैदा हो जाते हैं कि घर के हर सदस्य को गनर लेके चलना पड़ता है.. मगर घर वाले इसको भी अपनी नियत और गनर रखने को इज़्ज़त समझ के इठलाना न भूलते हैं
फिर एक दिन दबंग से डॉन बन चुका लड़का पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता है.. क्यूंकि अब वो पूरे देश और समाज के लिए ख़तरा बन चुका था.. परिवार वाले जिस इज़्ज़त पर इठलाते थे वो एक एक करके फिसलती जाती है और अब घर वालों पर भी रोज़ नए पुलिस केस और धाराएं लगने लगती हैं और जान के दुश्मन जो लोग हैं वो तो अलग से हैं
अपराध की यही प्रवृति है और यही अंत है.. जैसे ये एक परिवार की बात थी वैसे ही ये रूल पूरे समाज और पूरे देश पर भी लग सकता है.. देश के परिपेक्ष में एक दबंग लड़के की जगह पूरी दबंग भीड़ होती है और ये भीड़ अपने समाज के एक हिस्से को वैसी ही सुरक्षा की भावना और अहंकार प्रदान करती है.. फिर ये भीड़ जब बेक़ाबू होती है तो अपने देश की पुलिस और प्रशासन फ़ेल हो जाते हैं और फिर दुसरे मुल्क़ या पूरा विश्व मिलकर इस भीड़ का नाश करते हैं
दबंग लड़के शुरुवात में अच्छे लगते हैं और आपको अपने नस्लों की क्षणिक सुरक्षा की भावना भी दे सकते हैं मगर इसका अंत आपकी पूरी नस्ल का खून मांग कर ही होता है.. विश्व के ताज़ा घटनाक्रम देख कर सीखिये और आम इंसान और सिर्फ इंसान बनके रहने की कोशिश कीजिये.. बच्चों को दबंगई से बचाईये.. धर्म के नाम पर या नस्ल के नाम पर.. बड़े पैमाने की दबंगई का नतीजा विश्वयुद्ध ही होता है
~ताबिश