सोशल मीडिया से

रोहित को समर्पित मेरी ये पोस्ट जो विज्ञान और वेदों की कसौटी पर कसी गयी है -रंजय त्रिपाठी

Rohith Vemula जो कि भारत का Carl Segan बनना चाहता था वो अपने जीवन के अंतिम दिनों में दिग्भ्रमित हो चूका था जिससे उसके अंदर का रचनात्मक दिव्य ज्योति नष्ट हो चुकी थी … उसी रोहित को समर्पित मेरी ये पोस्ट जो विज्ञान और वेदों की कसौटी पर कसी गयी है :::
.
शरीर को बनाने मे पान्च तत्वो का योगदान है – मिट्टी,पानी,आग,हवा और आकाश। पहले चार तत्व तो इकट्ठी कर सकते हो मगर जीव को नही डाल सकते हो, जीव तो आकाश तत्व ही देगा। जो आकाश तत्व है, वही सब तत्वो को तेज या निस्तेज करने मे अपना योग दान करता है – यह तो हम वेदिक भाषा मे कह सकते है। दुसरे शब्दों में कहा जाये तो मानव अपनी प्रक्रति को बदल सकता है, अगर वह चार तत्वो का मालिक केवल आकाश तत्व को बना दे, जो आकाश तत्व के समझ मे आये वह ही करे। विज्ञान की कसौटी पर देखा जाए तो Mendeleev के periodic टेबल में कुल 110 तरह के एलिमेंट्स (तत्व) पाये जाते हैं जो कि इस धरा पर बनी सभी चीजो के शूक्ष्म अंश हैं। ध्यान से देखिये जाए तो periodic टेबल के ये सारे तत्व उन मूल वैदिक तत्वों मिट्टी, पानी, आग, हवा और आकाश में ही मिलते हैं। मिटटी यानी हमारा ग्रह धरती जिसके अंदर सारे मेटल, नॉन – मेटल, रडिओधर्मी .. लगभग सारे पदार्थ मिलते हैं इसलिए मिटटी यानी धरती ही इन सबकी मूल तत्व हुई। जितनी भी गैस है ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, आर्गन, हीलियम, वगैरह वो वैदिक तत्व हवा में मिलती है, सूर्य उस मूल वैदिक तत्व आग को दर्शाता है। पानी वो तत्व है जिसके बिना कोई भी संभव नहीं है – पानी मूल रूप से बॉन्डिंग और संचार का काम करता है। पानी भूगर्भीय हो, नदी से हो, पहाड़ या समुद्र – मूल रूप से पानी जीवन की रेखा है। अब आकाशीय तत्व को देखा जाए तो इसमें भी अनेकों अनेक सूक्ष्म कणों, सूक्ष्म जीवों और खगोलीय पिंडों का दर्शन है। न जाने कितने सूर्य हैं आकाशीय तत्व – जिनका ताप रचना करने के लिए catalyst का काम करता है। न जाने कितने अलग ब्रह्माण्ड हैं उनके सूर्य है और वायुमंडल प्रत्येक का movement पूरे ब्रह्माण्ड पर असर डालता है, जिसकी वजह से खगोलीय घटनाए होती है जो की यहाँ धरती पर भी असर करती हैं। मूल रूप से आकाश तत्व तो कैटेलिस्ट भी है, वो प्राण वायु भी है जो जीवों में चेतना जगाता हैं। किसी भी रचना के लिए तत्व, आग, दबाव (प्रेशर यानि हवा तत्व) और catalyst की जरूरत होती है – यही तो पञ्चतत्व देते हैं।
.
इस तरह पांच मूल तत्वों और इन मूल पांच तत्वों से मिले तत्वों के रासायनिक, भौतिकी और जैविक क्रियाओं से ब्रह्माण्ड है, पृथ्वी है और इन पृथ्वी पर रहने वाले सारे जीव, जंतु और वनस्पति। पञ्च तत्वों से बना मानव जीवन का काम इन मूल तत्वों से मिले तत्वों को पहचान कर अपार बहुमूल्य संसाधन इकठ्ठा करना है, जिससे मानव और अन्य जीव कल्याण के साथ साथ ही इस धरा को और खूबसूरत बनाना है। इन्ही तत्वों से घर बनता है, साधन बनते हैं, रेल, बस, हवाई जहाज़, पानी जहाज़ बनते हैं। इन्ही मूल तत्वं से मशीनें हैं, कल कारखाने हैं, उत्पाद हैं तभी मानव जीवव संभव है। इसी मूल तत्व से साधनों को चलाने वाला fossil fuel मिलता है, इन्ही तत्वों से कोयला और हीरा मिलता है।
.
तो हे मानव अपने पांच तत्वों का आह्वान कर और मूल तत्वों से प्राप्त तत्वों को इकठ्ठा कर, मानव कल्याण के लिए रचनाएँ कर। पूरे धरती पर इन तत्वों का ही मेल है। ये तत्व सबके हैं, सब इसी तत्व से हैं – तत्व का धर्म नहीं होता, तत्व की जाट नहीं होती, तत्व किसी की मिलकियत नहीं हैं, तत्व किसी के बंधुवा नहीं है। इन तत्वों का मोल जानों और पांच तत्वों से बने इस शरीर को व्यर्थ न जाने दे !!!

रंजय त्रिपाठी
( यहाँ प्रकाशित विचार लेखक के है और पूर्णत: निजी हैं , एवं एन सी आर खबर डॉट कॉम इसमें उल्‍लेखित बातों का न तो समर्थन करता है और न ही इसके पक्ष या विपक्ष में अपनी सहमति जाहिर करता है। इस लेख को लेकर अथवा इससे असहमति के विचारों का भी एन सी आर खबर डॉट कॉम स्‍वागत करता है । आप लेख पर अपनी प्रतिक्रिया mynews@ncrkhabar.com पर भेज सकते हैं। या नीचे कमेन्ट बॉक्स मे दे सकते है ,ब्‍लॉग पोस्‍ट के साथ अपना संक्षिप्‍त परिचय और फोटो भी भेजें।)

एन सी आर खबर ब्यूरो

हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : 9654531723@paytm के जरिये दे सकते है एनसीआर खबर.कॉम दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित और नं.1 हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय,सुझाव और ख़बरें हमें mynews.ncrkhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं या 09654531723 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं

Related Articles

Back to top button