भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भाकपा नेता ए बी वर्धन के निधन पर शोक प्रकट किया और कहा कि वह अपने सिद्धांतों के प्रति पूरी तरह से समर्पित थे और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने बाने की रक्षा करना उनकी प्रतिबद्धताओं में से एक था।
शोक प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि वर्धन :92: श्रमिक संघ आंदोलन के अग्रणी चेहरा और गरीबों की आवाज थे जो हमेशा अपनी उत्कृष्ट वक्तृत्वकला के लिए याद किये जाएंगे ।
आडवाणी ने एक बयान में कहा, ‘‘वर्धन की राजनीति में किसान और मजदूरों के मुद्दे शामिल थे । खेती से जुड़ी समस्या, श्रमिकों की बढ़ती कठिनाइयों के अलावा देश के धर्मनिरपेक्ष ताने बाने की रक्षा करना उनकी प्राथमिकताओं में एक था। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया और राजनीति और सामाजिक कार्य में अपनी खुद की जगह बनाने के लिए संघर्ष किया।’’