
नयी दिल्ली, यहां चल रहे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में अमीर खुसरो पर लिखी गई किताब का विमोचन किया गया।
साक्षी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘अमीर खुसरो: एक बहुआयामी व्यक्तित्व’ के लेखक प्रदीप शर्मा ‘खुसरो’ हैं।
इस किताब का विमोचन दिल्ली विश्वविद्यालय के फारसी विभाग के अध्यक्ष प्रो चंद्रशेखर, इसी विभाग में प्रोफेसर अलीम अशरफ और जवाहरल लाल नेहरू विश्वविद्यालय में फारसी के प्रोफेसर अखलाक अहमद ने प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में किया।
इस मौके पर पुस्तक के लेखक शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे इस पुस्तक को लिखने में दस साल का वक्त लगा, क्योंकि खुसरो का सारा काम फारसी में है और मैंने पहले खुसरो के करीब 100 मूल ग्रंथों का अनुवाद हिन्दी में कराया। फिर उनका अध्ययन किया।’’ उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में उनके बारे में ऐसी जानकारियां हैं जो उनपर लिखी गई किसी अन्य किताब में नहीं है।
उन्होंने कहा कि खुसरो पर यह उनकी पांचवी किताब है और फिलहाल वह उन्हीं पर 40 अन्य किताबों पर काम कर रहे हैं और इन सभी किताबों की सामग्री एक दूसरे से अलग होगी।
शर्मा ने कहा कि खुसरो की खड़ी बोली हिन्दवी के काव्यों पर गंभीरता से काम नहीं हुआ है।
पुस्तक के विमोचन के बाद प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘हिन्दी में खुसरो पर ज्यादा काम नहीं हुआ है। इसलिए उनपर हिन्दी में किताब आना निश्चित तौर पर सरहानीय है।’’ उन्होंने कहा कि खुसरो पर ज्यादातर पांडुलिपियां फारसी में ही हैं और पहले दूसरे देशों को उपहार में खुसरो की ही पांडुलिपियां दी जाती थी, इसलिए यह इस्तांबुल में भी मिलती हैं।
प्रोफेसर अखलाक ने कहा कि खुसरो बहुमुखी प्रतिभा वाली शख्सियत थे। वह शायर थे, संगीतकार थे और राजनीतिज्ञ थे।’’