नई दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने सम विषम फॉर्मूला को लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने तैयारियों को लेकर जो खाका पेश किया था वह सब कुछ नोटिफिकेशन में शामिल है।
इसमें वीआईपी समेत अलग-अलग 25 कैटेगरी में छूट दी गई है। इसमें इमरजेंसी वाहन, एंबुलेंस, स्टीकर लगा सीएनजी चालक वाहन शामिल हैं। सरकार ने सम विषम फॉर्मूला लागू करने के बाद दिल्लीवालों को दिक्कत ना हो इसके लिए खास तैयारी भी कर ली है।
इस फॉर्मूला के दायरे में कुल 19.50 लाख निजी वाहन आते हैं। एक दिन में करीब 10 लाख वाहन सड़क पर नहीं उतर पाएंगे। सरकार ने कहा है कि कार न लाने वालों को दिक्कत ना हो इसके लिए अतिरिक्त बसों की तैनाती की जाएगी मेट्रो के फेरे बढ़ाएं जाएंगे।
सम-विषम फॉर्मूला को सड़क पर ठीक से लागू कराने के लिए सरकार 10 हजार वॉलंटियर्स भी उतारेगी। पांच हजार सिविल डिफेंसकर्मी भी शामिल होंगे।सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने डीजल की सभी टैक्सियों को बंद करने के आदेश दिए हैं। प्रदूषण केचलते एनसीआर में केवल पेट्रोल और सीएनजी की टैक्सियों का ही संचालन होगा।
इसके चलते डीजल की टैक्सियों को सीएनजी में कराने के आदेश परिवहन विभाग ने जारी किए हैं। जबकि डीजल इंजन में सीएनजी किट लगने की सुविधा ही उपलब्ध नहीं है।
सीएनजी किट के अधिकृत डीलर अब कारों के इंजन को ही बदलवाने की सलाह दे रहे हैं। पुराना इंजन लगवाने में भी करीब 50 हजार रुपये का खर्चा आता है। इससे टैक्सी संचालकों और पुरानी डीजल कारों के मालिकों के सामने समस्या है।
गाजियाबाद में डीजल के 10 साल पुराने करीब 22 हजार वाहन हैं, जबकि डीजल की टैक्सियों की संख्या 18 हजार है। इनका संचालन 31 मार्च तक बंद किया जाना है। एक जनवरी से इनको रोकने का काम शुरू हो जाएगा। सीएनजी किट के अधिकृत डीलर एक्सपर्ट एसपी मोटर्स ने बताया कि डीजल वाहन में सीएनजी किट का लगना संभव नहीं है।दिल्ली मेट्रो में बढ़ती भीड़ और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी कोच की संख्या बढ़ाने के लिए शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशनके प्रमुख को चिट्ठी लिखेंगी।
मेनका ने कहा कि मेट्रो में महिलाओं के लिए आरक्षित कोच आगे के दो डब्बे होते हैं। लेकिन भीड़ में उस कोच तक पहुंचने में को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।निजी स्कूल संघ ने शिक्षा निदेशालय के सम विषम योजना के तहत बसें मुहैया कराने वाले आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। स्कूलों ने इस याचिका में जबरन बसें लेने का आरोप लगाया है। इस पर तीस दिसंबर को सुनवाई की संभावना जताई जा रही है।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की एक्शन कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अधिवक्ता प्रमोद कुमार ने दायर याचिका में कहा है कि प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए पब्लिक स्कूलों को धमका कर उनकी बसें लेने की कोशिश कर रही है।
परिवहन विभाग ने नए साल की शुरूआत में ही डीजल वाहनों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। जनपद में करीब 22 हजार डीजल कारें 10 साल पुरानी हैं और करीब 18 हजार डीजल टैक्सियां हैं। इनको 31 मार्च तक बंद किया जाना है। अफसरों का प्रयास है कि जनवरी से ही इन पर शिकंजा कसा जाए, तभी मार्च तक इनको बाहर किया जा सकेगा। एआरटीओ एसपी यादव ने बताया कि पुराने डीजल और डीजल टैक्सियों पर कार्रवाई जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू की जाएगी।