एलपीजी गैस सिलेंडर यानि रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला कर लिया है। आगामी एक जनवरी के बाद 10 लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय वालों को एलपीजी सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
इससे पहले सरकार पेट्रोल और डीजल में सब्सिडी चरणबद्घ तरीके से खत्म कर चुकी है। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से जारी एक बयान में बताया गया है वैसे व्यक्ति, जिनकी सालाना आमदनी 10 लाख रुपये से ज्यादा होगी, उन्हें 1 जनवरी 2016 से एलपीजी सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा। जिस परिवार में पति-पत्नी दोनों काम करते हों, उनमें देखा जाएगा कि पति की आमदनी अधिक है या पत्नी की।
यदि दोनों में किसी एक की भी आमदनी 10 लाख रुपये से ज्यादा होगी, तो उस परिवार में एलपीजी सब्सिडी नहीं मिलेगी। 10 लाख रुपये की आमदनी का तात्पर्य बीते वित्त वर्ष के दौरान टैक्सेबल इनकम से है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल इसके लिए ग्राहकों को नया सिलेंडर बुक कराते समय आय के संबंध में खुद ही घोषणा पत्र देना होगा। जो व्यक्ति आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं, उनका काम एक वर्ष पहले के आयकर रिटर्न की पावती आईटीआर वी की प्रति जमा करने से चल जाएगा।
उनका कहना है कि एलपीजी की सब्सिडी जरूरतमंद लोगों तक ही पहुंचे, इसलिए सरकार ने यह फैसला किया है। इससे पहले सरकार ने अमीर लोगों से खुद सब्सिडी छोड़ने का आव्हान किया था जिसके चलते करीब 57 लाख लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी है। गौरतलब है कि अब तक केंद्र सरकार सबको ही एक साल में 12 एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी दे रही है।
देश में इस समय करीब 16.35 करोड़ एलपीजी ग्राहक हैं। इनमें से 14.78 करोड़ ग्राहकों को पहल योजना के तहत एलपीजी सब्सिडी उनके बैंक खाते में भेजी जा रही है। सरकार चाहती है कि पेट्रोलियम पदार्थों में सब्सिडी सिर्फ पात्र ग्राहकों को ही मिले। इसलिए पहले पेट्रोल में और बाद में डीजल में सब्सिडी खत्म की गई।
एलपीजी के क्षेत्र में इसे लागू करना बेहद दुरूह था, इसे देखते हुए सरकार ने गिव इट अप कार्यक्रम शुरू किया ताकि अमीर गृहस्थ अपने आप सब्सिडी छोड़ दें। लेकिन इसमें उम्मीद से कम सफलता मिली क्योंकि अभी तक महज 57.5 लाख ग्राहकों ने ही सब्सिडी छोड़ी है। इसलिए सरकार ने अब आमदनी का पैमाना लागू करने का फैसला किया है।