इनपुट विद तहलका न्यूज़ ब्यूरो । लखनऊ । नफरत की सियासत को लखनऊ की गंगा जमुनी तहजीब ने फिर से सबक सिखाया है. मौसिकी को नफ़रत के साज पर बजाने वालों के मुंह पर यह करारा तमाचा है. बीते हफ्ते शिव सेना की धमकी पर मुम्बई और पुणे में जिस महान गायक गुलाम अली के कार्यक्रम रद कर दिए गए थे वह आज लखनऊ में अपने सुरों के नगमे बिखेरेंगे. महाराष्ट्र में शिवसेना के कथित राष्ट्रीय कर्तव्य और गुजरे वक़्त के गायक अभिजीत के बेशर्म बयान से आहत मशहूर ग़ज़ल गायक गुलाम अली आज लखनऊ में अपने लाइव परफॉरमेंस के जरिये पिछले दिनों उठे नफ़रत के गुबार को जवाब देने जा रहे हैं. शिवसेना के विरोध के चलते पिछले दिनों मुंबई और पुणे में उनका कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था.
एक समाचार पत्र द्वारा आयोजित कॉन्क्लेव में जब दुनिया के मशहूर ग़ज़ल गायक अपनी स्वर लहरियां छेड़ेंगे तो वहां मौजूद श्रोताओं में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल रहेंगे. समझा जाता है कि इस मौके पर राजनीतिक और सांस्कृतिक जगत में निशाने पर चल रही शिवसेना पर और हमले होंगे.
दरअसल, शिवसेना के विरोध से उपजे विवाद के तुरंत बाद लखनऊ में आज हो रहा गुलाम अली का लाइव कार्यक्रम कई मायने में महत्वपूर्ण हैं. मुंबई और पुणे का कार्यक्रम रद्द होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ग़ज़ल गायक को राष्ट्रीय राजधानी में परफॉरमेंस का ऑफर दिया था. पटियाला घराने के मशहूर गायक महाराष्ट्र में हुई घटना से काफी दुखी थे उन्होंने कहा है कि वे अपने चाहने वालों के लिए भारत आते और गाते रहेंगे . बकौल गुलाम अली उनसे ज्यादा तो उनके चाहने वालों का दिल टूटा है. जानकारी के मुताबिक ग़ज़ल गायक लखनऊ पहुँच चुके हैं और अपराह्न तीन बजे से आयोजित लघु उद्योग कॉन्क्लेव में परफॉर्म करेंगे. अग्रणी समाचार चैनल ईटीवी यूपी इसका लाइव प्रसारण करेगा. इस मौके पर कार्यक्रम में सभी धर्मो के धर्मगुरु भी मौजूद रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा था कि पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के मुंबई में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का शिवसेना ने सिर्फ विरोध नहीं किया, बल्कि शिवसेना की राष्ट्रवादी सिंहगर्जना से यह कार्यक्रम ही रद्द हो गया। अब इस मुद्दे पर कुछ पाकिस्तान प्रायोजित मानवतावादियों ने अपना बेसुरता ताल खोल दिया है, परंतु हमने जो किया सो किया। हमने आपना राष्ट्रीय कर्तव्य निभाया।…गुलाम अली एक कलाकार होने की वजह से महान वगैरह हो सकते हैं। उनके गले से ‘चुपके-चुपके’, ‘हंगामा’ भी बरसता होगा, परंतु अंतत: वे पाकिस्तान से यहां आए हैं। जो पाकिस्तान रोज हिंदुस्तान की भूमि पर खून बहा रहा है, उस खून से भीगे गजल के सुर से जिनके कान तृप्त होते हैं, उनकी राष्ट्रभावना साफतौर पर बधिर हो चुकी हैं.
इस मसले पर पुराने गायक अभिजीत ने भी विवादास्पद बयान दिया था । उन्होंने शिवसेना के दबाव में पाकिस्तानी आर्टिस्ट गुलाम अली का शो कैंसल किए जाने का समर्थन किया है। अभिजीत ने गुरुवार देर रात किए ट्वीट में गुलाम अली को बेशर्म और शादी का कव्वाल बता डाला। अभिजीत ने मीडिया को भी नहीं बख्शा और उन्हें प्रेस्टीट्यूट्स कहा। उधर, शिवसेना ने अपने माउथ पीस ‘सामना’ में छपे एडिटोरियल में अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा कि उसने नेशनल ड्यूटी निभाई है।