श्रीनिवासन से कहा, अनुराग ठाकुर के ख़िलाफ़ झूठी गवाही का मामला वापस लें
बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर ने रविवार को एन श्रीनिवासन से आग्रह किया कि वे झूठी गवाही के आरोप में बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर के खिलाफ दायर जनहित याचिका को वापस लेने पर विचार करें। पता चला है कि मनोहर ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के प्रतिनिधि पीएस रमन से कहा कि वे यह संदेश श्रीनिवासन तक पहुंचा दें। आम सभा की विशेष बैठक के दौरान मौजूद बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बीसीसीआइ अध्यक्ष ने रमन से कहा कि यह श्रीनिवासन से उनका आग्रह है कि वे अनुराग के खिलाफ झूठी गवाही के आरोप में दायर जनहित याचिका वापस ले लें। उन्होंने रमन से कहा कि वे उन मुद्दों पर कानूनी प्रक्रिया से बच सकते हैं जिन्हें आंतरिक चर्चा के जरिए सुलझाया जा सकता है क्योंकि बोर्ड के मामले एक फोरम के अंदर सुलझने चाहिए। सदस्य ने संक्षिप्त बैठक के दौरान हुई बातचीत के बारे में कहा कि चर्चा उस समय शुरू हुई जब महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अजय शिर्के ने सीधे केरल क्रिकेट संघ के प्रमुख टीसी मैथ्यू से पूछा कि वे श्रीनिवासन की ओर से दायर जनहित याचिका में ठाकुर के खिलाफ हलफनामा कैसे दे सकते हैं। यहां तक कि कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी से भी सदस्यों ने ठाकुर के खिलाफ हलफनामे पर कड़े सवाल पूछे। पता चला है कि कुछ इकाइयों के सदस्यों ने चौधरी को बोलने की भी इजाजत नहीं दी जो ठाकुर के खिलाफ झूठी गवाही के मामले में हलफनामा देने पर अपना पक्ष रखना चाहते थे। सूत्र ने कहा कि कोषाध्यक्ष ने स्पष्टीकरण देना शुरू ही किया था कि लोगों ने उन्हें रोक दिया। अध्यक्ष ने इसके बाद कहा कि बीसीसीआइ के मामले सामूहिक तौर पर यहीं सुलझाए जाने चाहिए। मैथ्यू और चौधरी दोनों को हलफनामा वापस लेने की सलाह दी गई। इस मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस बीच हितों के टकराव से बचने के लिए मनोहर के बेटे अद्वैत ने बीसीसीआइ में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह बीसीसीआइ के विधिक प्रकोष्ठ का हिस्सा थे। इस बीच, विवादों में घिरे आइपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने दूसरी बार बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने के लिए शशांक मनोहर को बधाई दी। वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद से ब्रिटेन में रह रहे मोदी ने ट्वीट किया- बीसीसीआइ, आइपीएल और आइसीसी में आखिर चीजों को पाक साफ करने का अभियान चला। शशांक मनोहर को बधाई। काम को अंजाम देने में सक्षम एकमात्र व्यक्ति।