
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किशनगंज की चुनावी रैली के दौरान शैतान और जालिम कहने वाले एमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उनके इस बयान पर उनके खिलाफ किशनगंज के कोचाधामन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
जिसके बाद से ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही थी। नेताओं के बिगड़े बोलों के खिलाफ चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपना लिया है। यही कारण है कि अमित शाह और लालू यादव के बाद अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया था।
मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनकी गिरफ्तारी की तैयारी शुरू कर दी है। किशनगंज के एसपी राजीव रंजन ने ओवैसी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद से उनके खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
इसके अलावा लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भी मुजफ्फरपुर कोर्ट ने पुलिस को गो मांस के संबंध में दिए गए उनके बयान के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही लालू के खिलाफ मुकदमों की संख्या चार हो चुकी है।रविवार को किशनगंज के कोचाधामन में आयोजित चुनावी रैली में एमआईएम नेता और तेलंगाना के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी करते हुए उन्हें दरिंदा और शैतान कह डाला था।
गुजरात दंगों के लिए मोदी को जिम्मेदार बताते हुए छोटे ओवैसी ने कहा था कि कोर्ट ने बेशक उन्हें माफ कर दिया हो लेकिन उनके गुनाहों को माफ नहीं किया जा सकता। ओवैसी ने इसके लिए केन्द्र में रही कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा था।
कहा केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर उस दरिंदे को जेल जाने से बचा लिया। अगर वो चाहते तो उसे उसके किए की सजा दिलवा सकते थे। ओवैसी के इस भाषण को लेकर राजनीतिक दलों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। भाजपा ने इसकी जबरदस्त आलोचना की थी।