हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के पिछले हफ्ते जेल में बेहोश होने के प्रकरण में अब नए एंगल पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जेल प्रशासन द्वारा हत्या के प्रयास की बात को खारिज कर देने के बाद अब जांच की दिशा बदल दी गई है।
इस बात की जानकारी गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। हालांकि पहले माना जा रहा था कि भायखला जेल में इंद्राणी दवाओं के ओवरडोज या आत्महत्या करने की कोशिश के कारण बेहोश हुई होगी।
अधिकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह घटित इस प्रकरण की जांच कर रहे अधिकारियों ने दूसरे कोण से जांच करने की बात कह कर रिपोर्ट को कुछ दिनों के लिए टालने को कहा है, रिपोर्ट इसी हफ्ते प्रस्तुत की जानी थी।अधिकारी ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया। मालूम हो कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद फिर भायखला जेल पहुंची 43 वर्षीय इंद्राणी ने जेल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष बयान दिया था कि उसने न तो दवाओं की ओवरडोज ली थी और न ही आत्महत्या की कोशिश की थी।
अधिकारी ने कहा कि हत्या के प्रयास और दवाओं के ओवरडोज की कहानी सिरे न चढ़ने से अब मामले की नए एंगल से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई जेल में इंद्राणी की हत्या ही करना चाहता था तो उसके पास लंबी चेन थी, क्योंकि इंद्राणी को दिया जा रहा खाना कैदियों द्वारा ही पकाया जाता है।महाराष्ट्र मेडिकल एसोसिएशन ने इंद्राणी को खाने देने से पहले कथित रूप से जेजे हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा उसे चखने की बात को अमानवीय और अपमानजनक बताया है।
एसोसिएशन ने कहा है कि एक दो दिन में इसको लेकर वे लोग मानवाधिकार आयोग जाएंगे। दरअसल, मीडिया में यह रिपोर्ट आई थी कि इंद्राणी के जेल में बेहोश होने के बाद से उसे खाना दिए जाने से पहले रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर उसे चखता है, उसके 10 मिनट बाद इंद्राणी खाना खाती है।