दादरी हत्याकांड पर सियासत तेज़, मोदी की चुप्पी पर विपक्ष का हल्लाबोल
गोमांस खाने के आरोप में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या के बाद बिसाड़ा गांव में जारी तनाव के बीच केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने शुक्रवार को निर्दोष लोगों का ‘उत्पीड़न’ किए बगैर दोषी लोगों को दंड देने की मांग की जबकि एआइएमआइएम के नेता असदद्दीन ओवैसी ने कहा कि धार्मिक मत के कारण उसकी हत्या की गई। वहीं विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं।
दिल्ली से कुछ दूरी पर स्थित उत्तर प्रदेश के बिसाड़ा गांव में मोहम्मद अखलाक की जघन्य हत्या के चार दिन बाद यहां नेताओं का तांता लगा रहा जिन्होंने पीड़ित परिवार से सहानुभूति जताई और सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए मामले को ठंडा करने की कोशिश की। स्थानीय सांसद शर्मा ने यह भी कहा कि अखलाक की पीट-पीटकर हत्या एक दुर्घटना थी जिसे सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए और इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री शर्मा ने बिसाड़ा में कहा, ‘यह हमारी संस्कृति पर धब्बा है और सभ्य समाज में इस तरह की घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। अगर कोई कहता है कि यह पूर्व नियोजित था तो मैं इससे सहमत नहीं हूं। यह एक दुर्घटना है और इसकी जांच सीबीआइ या राज्य द्वारा की जानी चाहिए और दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। जांच के नाम पर निर्दोष लोगों का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए’। वे शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे।
अखलाक के परिजन से मिलने पहुंचे ओवैसी ने इसे ‘पूर्व नियोजित हत्या’ बताया जिसे उसके धार्मिक मत के कारण किया गया। हैदराबाद के सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार पर घटना के लिए हमला किया जिसे लेकर पूरे देश में गुस्सा है। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि सबका साथ सबका विकास की बात करने वाले प्रधानमंत्री कम से कम अखलाक की हत्या पर ट्वीट तो कर देते’।
ओवैसी ने कहा, ‘उन्होंने गायिका आशा भोंसले के बेटे की मौत पर शोक जताया था। सबका साथ सबका विकास की बात करने वाले प्रधानमंत्री अगर बहुलतावाद और कानून में विश्वास करते हैं तो कम से कम ट्वीट कर संवेदना जता देते’।
घटना को लेकर जहां राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप में लगे हुए हैं वहीं बिसाड़ा में असहज माहौल बना हुआ है जहां मीडियाकर्मी डेरा डाले हुए हैं और पूरे इलाके में सुरक्षा बल तैनात हैं। प्रांतीय सशस्त्र बल और राज्य पुलिस के जवान पूरे गांव में तैनात हैं, जहां निषेधाज्ञा लगा दी गई है।
जिलाधिकारी एमपी सिंह ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है और कहा कि मामले को सांप्रदायिक संघर्ष के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इसमें कोई दूसरा मुसलिम परिवार प्रभावित नहीं हुआ है।
अखलाक की हत्या को दुर्घटना बताने के लिए शर्मा को डांटते हुए ओवैसी ने कहा, ‘महेश शर्मा देश के संस्कृति मंत्री हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस मंत्री ने संविधान की शपथ ली है उसमें बिना शर्त घटना की ईमानदारी से निंदा करने का साहस तक नहीं है’। उन्होंने इन दावों को खारिज कर दिया कि अखलाक के परिवार पर इसलिए हमला किया गया कि उसने गोमांस खाया था। उन्होंने कहा, ‘हमला मांस के कारण नहीं हुआ। सपा सरकार हत्यारों को गिरफ्तार करने के बजाए मृतक के घर में पाए गए मांस की फोरेंसिक जांच करवा रही है। उनके दिमाग की पहले जांच कराई जानी चाहिए जो जहर से भरा हुआ है। वे मृतक को ही आरोपी के तौर पर पेश कर रहे हैं’।
लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोवध और गोमांस खाने को लेकर मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘वे इस तरह के मुद्दों को उठाना चाहते हैं। ये ताकतें गुलाबी क्रांति की बात करती हैं। हम कहना चाहते हैं कि आप सत्ता में हैं इसलिए गोमांस के निर्यात को प्रतिबंधित कर दीजिए। इसके निर्यात पर पाबंदी के लिए आपको समर्थन हासिल करना चाहिए’। मोदी ने लोकसभा चुनावों के दौरान मांस निर्यात को लेकर यूपीए सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि वह ‘गुलाबी क्रांति’ को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा और उनकी सरकार ‘पूरी ईमानदारी’ से कार्रवाई करेगी।
महेश शर्मा को स्थानीय लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा जिन्होंने मृतक के परिजन से मुलाकात में विलंब करने पर सवाल उठाए। मंत्री ने अखलाक के 22 साल के बेटे दानिश से अस्पताल में मुलाकात की जो हमले में बुरी तरह जख्मी हो गया था। उसके सिर का इलाज हुआ है और उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। शर्मा ने कहा, ‘दानिश अब अच्छा है लेकिन पूरी तरह खतरे से बाहर नहीं है। वह इशारे में प्रतिक्रिया जता रहा है। उसका भाई भी मेरे साथ गया। उसने उसे पहचाना और उसका हाथ भी पकड़ा। उसकी स्थिति काफी अच्छी है लेकिन वह सौ फीसद खतरे से बाहर नहीं है’।
भाजपा सांसद ने स्थानीय मंदिर का भी दौरा किया और हिंदुओं से मुलाकात की जिन्होंने पुलिस पर पक्षपात से काम करने के आरोप लगाए। शर्मा ने कहा कि पुलिस को मामले की जांच निष्पक्षता से करनी चाहिए और निर्दोष लोगों को नहीं फंसाना चाहिए। गांव में सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि बहुसंख्यक हिंदुओं ने वादा किया है कि वे मुसलिमों की रक्षा करेंगे।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच सपा नेता और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने शर्मा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुल्तान अहमद ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वे देश में सांप्रदायिक घटनाओं पर बयान दें और संघ व इस तरह के संगठनों को सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने से रोकें। उन्होंने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि गोमांस खाने की अफवाह पर एक व्यक्ति की हत्या हो जाने के मामले पर नरेंद्र मोदी क्यों चुप हैं। यह समाज में सांप्रदायिक जहर फैलाना और देश के ताने-बाने को ध्वस्त करना है’।
वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मांस निर्यात पर टिप्पणी का जवाब देते हुए वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गाय और बछड़े के मांस सहित इस तरह के निर्यात पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। सीतारमण ने ट्वीट के जरिए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को जानना चाहिए कि भारत सरकार के मांस निर्यात नीति के मुताबिक गोमांस का निर्यात प्रतिबंधित है। भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी एक निर्दोष व्यक्ति की इस तरह से विवेकहीन और निर्मम तरीके से हत्या पर मोदी की चुप्पी से आश्चर्यचकित है।
वहीं दादरी के एसडीएम बिसाड़ा गांव में उस वक्त मुश्किलों में घिर गए जब वे पीड़ित के परिवार से मिलकर लौट रहे थे। गांव वालों ने उनके वाहन को रोकने का प्रयास किया और उनके साथ बहस की। पीड़ित के घर से कुछ दूरी पर खड़े वाहन की तरफ एसडीएम आरके सिंह जा रहे थे तभी कुछ लोगों ने उनसे बहस करना शुरू कर दिया और तीन लोग उनके वाहन के सामने खड़े हो गए। जिलाधिकारी एन पी सिंह ने इन दावों को खारिज किया कि एसडीएम से गांव वालों ने मारपीट की।