बेंगलूर। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूर में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस आकांक्षा और अपेक्षा के साथ जनता ने भाजपा की सरकार को चुना, वह उसे पूरा करेंगे। भाजपा की सरकार बनने के पहले देश में निराशा का माहोल था और देश के युवा दिशाहीन हो गए थे। अपनी सरकार की 10 महीने की उपलब्धियों को गिनाते हुए मोदी ने कहा कि हमने आते ही कालेधन पर एसआईटी का गठन किया। आज पूरी दुनिया ने इस मसले पर हमारी बात मान ली है।
मोदी ने कालेधन के मसले पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में विरोधी दल शोर मचाते थे लेकिन वे सत्य को नहीं दबा सके। उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलन में कालेधन के मुद्दे पर भारत के रुख का सभी देशों ने समर्थन किया। पीएम ने कहा कि बजट सत्र पर वित्त मंत्री के भाषण के बाद उन चुटकलों और आशंकाओं पर विराम लग गया और सभी ने यह माना कि हमारी सरकार की नियत साफ है। हम जल्द ही कालाधन वापस लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि हमे यह भी पुख्ता व्यवस्था करनी है कि नया धन बाहर न जाए।
नरेंद्र मोदी ने रेल बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब रेल बजट में आने वाले दस साल के लिए ठोस कार्य योजना बनाई गई हो। यहां पर भी मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे पहले बजट में कितनी ट्रेन चलानी है, कहां स्टापेज होने है इसकी बात होती थी। उन्होंने कहा कि इससे पहले बजट सांसद, विधायक मंत्री की चिट्ठी के आधार पर बनाए जाते थे। पीएम ने कहा कि रेल जो मृतप्राय थी वह अब वह आगे बढ़ रही है और दौड़ रही है।
दस महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोयला घोटाले को लेकर कोई इस पर हाथ नहीं डालना चाहता था। लेकिन हमारी सरकार ने कोयले की नीलामी को पारदर्शी तरीके से संपन्न किया और 20 कोयले की खदानों से 2 लाख करोड़ रुपए सरकारी खजाने में आया । हमारी सरकार की नियत साफ थी और हमने कोयले को हीरा बनाकर छोड़ा।
मोदी ने डिजिटल इंडिया की बात करते हुए कहा कि हम देश को मोबाइल गवर्नेंस की तरफ ले जाना चाहते हैं। यह सेवा देश के लिए फायदेमंद साबित होगी। यही नहीं इस सेवा से विभागों की जवाबदेही तय होगी।
राज्य और केंद्र के रिश्तों पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि राज्यों को बिना साथ लिए देश के विकास की बात नहीं की जा सकती । उन्होंने कहा कि हम राज्यों को और ताकतवर बनाने की तरफ और काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी दल की हो वह हमारे लिए एक समान है।
किसानों की अहमियत समझाते हुए मोदी ने कहा कि बिना गांव और किसान के विकास किए भारत आगे नहीं बढ़ सकता। किसानों को आगे बढ़ाना है तो इसके लिए हमे तकनीक का सहारा लेना ही पड़ेगा।
इससे पहले बैठक की शुरुआत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के संबोधन से हुई। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार विकास के पथ पर सही दिशा में जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 10-20 साल सत्ता में रहेगी हम कहीं नहीं जा रहे हैं। इस मौके पर अमित शाह ने एक ओर जहां मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दस महीने भ्रष्टाचार मुक्त शासन दिया है, जबकि राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस हमारी कमियां ढूंढने के बजाय अपने नेता को ढूंढे। उन्होंने कहा कि विपक्ष निराश और हताश है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। आठ राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री हैं। चार राज्यों में हमारी गठबंधन सरकार है। 2014 हमारे लिए विजय वर्ष था। केरल में भाजपा के पास 19 लाख सदस्य हैं। 15 लाख कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
पार्टी का देशभर में दस करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए पार्टी महासंपर्क अभियान चलाएगी। नए सदस्यों को कार्यकर्ता बनाया जाएगा। कार्यकर्ता बेटी बचाओ अभियान से जुड़ेंगे। भूमि बिल पर कांग्रेस ने गलतफहमी फैलाई है। इस संबंध में पार्टी कार्यकर्ता किसानों से मिलेंगे।
इधर, बैठक के विरोध में कालेधन के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में भाजपा को मजबूत करने पर जोर होगा। साथ ही, इसमें अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है।बैठक में सभी राज्य अपना ब्योरा पेश करेंगे।
बैठक में अमित शाह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी और पीएम मोदी भी मौजूद हैं।
पता चला है कि रविशंकर प्रसाद के हाथ में फ्रैक्चर हो जाने की वजह से वह बेंगलूर से वापस दिल्ली लौट सकते हैं। इसलिए अब रविशंकर की जगह राम माधव विदेश नीति पर प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा है कि धारा 370 हमारे एजेंडे में है। इसे समय आने पर देखा जाएगा।
बैठक में कार्यकर्ताओं को भूमि अधिग्रहण विधेयक के फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि बेंगलुरु में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का महत्व इसलिए ज्यादा है, क्योंकि केंद्र में सरकार गठन के बाद यह पहली बैठक है। जाहिर है कि इसमें देश से लेकर विदेश के मोर्चों तक सरकार की उपलब्धियों का बखान होगा। पूरी रूपरेखा उसी लिहाज से बनाई गई है। इसमें पूरा फोकस प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों पर होगा।
सूत्रों के मुताबिक, इसमें आडवाणी के संबोधन को प्रासंगिक नहीं माना जा रहा था। भाजपा के मार्गदर्शक मंडल तक सिमटाए जा चुके लालकृष्ण आडवाणी के पिछले इतिहास को देखते हुए पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता कि वह कोई ऐसा बयान दें, जिससे सरकार और पार्टी पर अंगुली उठे। यही कारण है कि कार्यक्रम में उनके संबोधन के लिए समय नहीं रखा गया। हां, यह संदेश जरूर आडवाणी तक भी पहुंचा दिया गया कि वह चाहें तो बोलें लेकिन यह ध्यान रखें कि पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं।
सरकार तेज गति से देश और विदेश के मोर्चों पर बढ़ रही है तो पार्टी ने भी नया कीर्तिमान बनाया है। बताते हैं कि नेतृत्व आडवाणी से इसलिए आशंकित है, क्योंकि पिछली बैठकों में परोक्ष रूप से नेतृत्व के कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं। अब हर किसी का ध्यान इस पर है कि आडवाणी शनिवार को बैठक में संबोधन करते हैं या नहीं। पिछली बार गोवा अधिवेशन में आडवाणी ने ना जाकर जो भूल की थी, कम से कम वैसी भूल वह इस बार तो नहीं कर रहे।