
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक होने वाले मार्च पर सरकार ने रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस ने प्रदश्रकारियों को गोड़ियों में जाने की इजाजत तो दी है मगर प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है। सूचना है कि विपक्ष भी पैदल मार्च पर अड़ गई हैे।
इससे पहले, सरकार के खिलाफ कामयाब प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सांसद राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भी शिरकत करने की सूचना है। इस मार्च में वाम दलों के साथ लगभग समूचा विपक्ष शामिल होगा। हालांकि बहुजन समाजवादी(बसपा) पार्टी ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से इन्कार कर दिया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हम भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ हो रहे विरोध के एजेंडे के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन हम पार्टी के हित चलते इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने नहीं होंगे। हालांकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर यह सभी पार्टियों का विरोध है। हम चाहते हैं कि 2013 भूमि बिल ही बना रहे।
वही राजग घटक शिवसेना भी मोदी सरकार को जोर का झटका देने की तैयारी में है। सेना के सांसद इस मार्च से पहले या बाद में सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर सकते हैं।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने तय कर लिया कि मौजूदा सत्र में वह भूमि अधिग्रहण विधेयक को पास नहीं होने देगी। पार्टी की मंशा इस सत्र के बाद इसको लेकर जनता के बीच जाने की है। सत्र के दौरान आत्मचिंतन की छुट्टियों पर चल रहे राहुल की अगुवाई में कांग्रेस इस मुद्दे पर लंबे आंदोलन की तैयारी में है। इससे पहले भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के विरोध में भट्टा परसौल से चलकर जंतर-मंतर व वहां से संसद घेरने निकले कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच तीखी नोक-झोक हुई।
पार्टी ने इस मामले में पुलिस कार्रवाई को बर्बर करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पुलिस ने पार्टी के शांतिपूर्ण मार्च पर जो बर्बर कार्रवाई की है पार्टी इसकी भत्र्सना करती है। गौरतलब है कि इस संघर्ष में कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं।
सोमवार रात को युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमङ्क्षरदर सिंह राजा वडिंग ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भेंट कर आंदोलन की जानकारी दी। गौरतलब है भूमि अधिग्रहण बिल पर संशोधन लोकसभा में पास हो चुके हैं। बिल में 9 नए संशोधनों को जगह दी गई है। वहीं राज्य सभा में सरकार के अल्पमत में होने के चलते सरकार को विपक्ष के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
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