
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के बयान के चलते राज्य में उनके प्रवेश पर रोक लगाने पर विचार करेगी।
स्वामी ने अपने एक कथित बयान में कहा था कि मस्जिदें केवल इमारतें हैं और इन्हें तोड़ा जा सकता है। स्वामी के बयान पर जोरहाट में एक कार्यक्रम के इतर सीएम गोगोई ने कहा कि उनका बयान पूरी तरह से एक समुदाय का अपमान करने वाला है। हम कार्रवाई करेंगे। यदि उन्होंने इस तरह की टिप्पणियां करना जारी रखा तो हम उनके असम में प्रवेश पर रोक लगा देंगे।
मुख्यमंत्री ने स्वामी के लगातार विवादास्पद बयान देने की बात कह कर इस पर आश्चर्य जताया कि भाजपा उन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।इस बीच असम पुलिस ने कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) की छात्र शाखा छात्र मुक्ति संग्राम समिति की शिकायत पर गुवाहाटी के लतासील पुलिस थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
केएमएसएस ने स्वामी के राज्य में प्रवेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है ताकि असम में कोई सांप्रदायिक तनाव न हो। दलगत भावनाओं से ऊपर उठते हुए कई संगठनों और पार्टियों ने भाजपा नेता के बयान की निंदा की है।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश करते हुए कहा कि स्वामी का बयान निजी है और इससे पार्टी का कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम उनके बयान से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएंगे।पिछले हफ्ते एक विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने आए स्वामी ने कहा था कि मस्जिदें और चर्च मात्र इमारतें हैं जहां प्रार्थना की जाती है। ये कोई धार्मिक स्थल नहीं हैं। इसलिए इन्हें गिराने में कोई समस्या नहीं है।
यहां तक सऊदी अरब में मस्जिदों को गिराया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि केवल मंदिर ही ऐसी जगह है जहां भगवान रहते हैं। स्वामी के बयान पर जब सवाल खड़े हुए तो उन्होंने रविवार को फिर से अपनी बात दोहराई थी।