
भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर उम्मीद के मुताबिक बजट सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा देखने को मिला। संसद के अंदर हो या बाहर दोनों ही जगहों पर इसको लेकर जमकर बवाल के बीच सरकार ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल को पेश कर दिया है।
दूसरे दिन सत्र के शुरूआत में ही बिल को लेकर विपक्ष ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर जमकर घमासान देखने को मिला। बिल पर सरकार की ओर अरूण जेटली आगे आए। उन्होंने विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की। लेकिन कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए उन पर जोरदार हमला बोला।
आनंद शर्मा ने कहा कि ये सरकार अध्यादेशों से चल रही है। मोदी सरकार हर 27 दिन में अध्यादेश लाती है। इसके जवाब में अरुण जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने भी पहले कई अध्यादेश पास करवाएं हैं। जेटली ने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 70 अध्यादेश पास किए गए थे। हालांकि जेटली ने आगे कहा कि सरकार संसद की अनदेखी नहीं करेगी।जेटली के सवाल पर कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार देश के पहले प्रधानमंत्री का नाम ले रही है। लेकिन वो 17 साल तक प्रधानमंत्री रहे थे। साथ ही उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसान की जमीन ले लेना चाहते हैं। पूंजीपतियों और प्राइवेट सेक्टर के लिए काम करते हैं। सरकार निजी कंपनियों के लिए अध्यादेश ला रही है।
इस मुद्दे पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली ने खेती नहीं की है, हमने की है। वह किसानों की भावना नहीं समझ सकते हैं। सरकार कॉरपोरेट की मदद कर रही है।
वहीं बीएसपी सांसद मायावती ने कहा कि ये अध्यादेश कुछ धन्ना सेठों और उद्योगपतियों के लिए है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।