समाजसेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली के जंतर मंतर से भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ अपना आंदोलन शुरु कर दिया है। अन्ना ने इस कानून और सरकार की तुलना ब्रिटीश राज से की। अन्ना ने कहा कि कानून में पहले यह प्रावधान था कि अगर किसी गांव के 70 प्रतिशत लोग विरोध करें तो उनकी जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता लेकिन सरकार ने नए कानून में से इस प्रावधान से ही हटा दिया।
इसी बीच दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अन्ना से मुलाकात के लिए जंतर-मंतर पहुंचे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप नेता आशीष खेतान भी वहां पहुंचे। मुलाकात के बाद मनीष सिसोदिया ने बताया कि आंदोलन में केजरीवाल उनका साथ देंगे।
इस बीच अन्ना ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली चुनाव के दौरान आप के स्टार प्रचारक रहे कुमार विश्वास को मंच पर आने से मना कर दिया है।
अन्ना ने कहा कि अगर राजनीतिक दलों के लोग आंदोलन में शामिल होंगे तो लोगों को लगेगा कि यह कोई राजनीतिक विरोध है। हालांकि अन्ना ने कहा कि अगर कुमार विश्वास आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं तो वह भीड़ का हिस्सा बन सकते हैं लेकिन उन्हें मंच पर आने की अनुमति नहीं होगी।मौजूदा आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए लाए गए अध्यादेश का देश भर के किसान संगठन विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों पलवल से किसानों ने दिल्ली के लिए पदयात्रा शुरू की है।
अन्ना हजारे ने इसे हरी झंडी दिखाई थी। किसानों का काफिला सोमवार देर शाम दिल्ली की सीमा पर दस्तक देगा। मंगलवार को जंतर मंतर पर इकट्ठा होंगे। इस मौके पर समाजसेवी मेधा पाटकर, पीवी राजगोपाल, गोविंदाचार्य, जल पुरुष राजेंद्र सिंह समेत दूसरे आंदोलनों से जुड़े और लोग भी मौजूद रहेंगे।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अन्ना हजारे से महाराष्ट्र सदन में मुलाकात मुमकिन है। हालांकि दिल्ली विधान सभा का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, फिर भी अगर अन्ना ने हामी भरी तो केजरीवाल महाराष्ट्र सदन में अन्ना से मुलाकात कर सकते हैं। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को संदेश दे दिया है कि निजी तौर पर वह आंदोलन में शामिल हो सकते हैं।
सोमवार को जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के आंदोलन में खलल पड़ सकता है। अन्ना के पूर्व समर्थक दो गुटों में बंट गए हैं। एक आम आदमी पार्टी के साथ है, जबकि दूसरा गुट आप का विरोध कर रहा है। दूसरा गुट भी अन्ना के आंदोलन को समर्थन दे रहा है। सूत्र बताते हैं कि अन्ना को समर्थन देने के लिए अगर केजरीवाल जंतर-मंतर आते हैं तो आंदोलन दो हिस्सों में बंट सकता है।