
राजनैतिक इतिहास में दिल्ली पहली ऐसी विधानसभा बन गई है जो कांग्रेस मुक्त है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब किसी विधानसभा में कांग्रेस का एक भी सदस्य चुनकर नहीं आया। इतना ही नहीं 70 में से 62 प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। 33 प्रत्याशी 10 हजार का आंकड़ा भी नहीं छू सके।
जमानत जब्त होने वाले प्रत्याशियों में कांग्रेस कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, पूर्व मंत्री प्रो. किरण वालिया, हारून यूसुफ, डा. नरेंद्रनाथ, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. योगानंद शास्त्री, चौधरी प्रेम सिंह, सुभाष चोपड़ा के नाम शामिल हैं।
विस चुनाव 2013 में चली आम आदमी पार्टी की आंधी से जहां शीला दीक्षित युग का अंत हुआ था तो 2015 में कांग्रेस की एक सीट भी विधानसभा में नहीं बची। कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, मुस्तफाबाद से प्रत्याशी हसन अहमद, बादली से देवेंद्र यादव, मटिया महल से शोएब इकबाल दूसरे नंबर पर रहे।