जहां एक ओर संसद में बजट सत्र को लेकर मोदी सरकार माथापच्ची में जुटी है। वहीं सड़क पर भी उसके खिलाफ आंदोलन तेज हो गया है। मोदी सरकार के जमीन अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अन्ना हजारे ने मोर्चा संभाल लिया है।
दिल्ली के जंतर मंतर पर दो दिवसीय धरने पर बैठे अन्ना हजारे ने मोदी सरकार पर अब तक सबसे बड़ा हमला बोला है। अन्ना ने मोदी सरकार को किसान विरोधी करार दिया है।
अन्ना के मुताबिक जमीन अधिग्रहण पर अध्यादेश लाना मोदी सरकार की मनमर्जी है। उन्होंने अध्यादेश के औचित्य पर भी सवाल खड़े किए हैं।अन्ना के मुताबिक आजादी के 68 साल में ऐसा कानून नहीं आया जिसमें किसानों को इस तरह से निशाना बनाया गया हो। मोदी सरकार ने उन पर सबसे ज्यादा ज्यादती की है। इतना ही नहीं अन्ना ने मोदी सरकार की तुलना अंग्रेजों से की है।
अन्ना ने कहा कि पिछले 68 साल में किसानों पर इतने अत्याचार नहीं हुए जैसा इस सरकार में हो रहा है। अन्ना के मुताबिक 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून और अच्छा बनाना चाहिए। लेकिन सरकार इसके उलट काम कर रही है।
मोदी सरकार के ‘अच्छे दिन’ के वादे पर टिप्पणी करते हुए अन्ना ने कहा कि इस सरकार में उद्योगपतियों के अच्छे दिन आए हैं। कांग्रेस के जाने से लूट और भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ। अभी अनशन नहीं करूंगा, किसानों के लिए मुझे अभी जिंदा रहना है।अन्ना के मुताबिक जिस अध्यादेश को मोदी सरकार लाना चाहती है उसकी कोई जरूरत फिलहाल नहीं है। फिर भी सरकार के रूख से साफ है कि इसका खामियाजा किसानों को उठाना होगा।
अन्ना ने कहा अब आजादी की दूसरी लड़ाई होगी। दो दिनों के धरने के बाद अगर सरकार ने उनकी नहीं सुनी तो फिर आंदोलन होगा। इस बीच अगले 3-4 महीने वो पद यात्रा करेंगे। जिसमें पैदल यात्रा करके लोगों को जागरूक किया जाएगा।
4 महीने बाद वो फिर से रामलीला मैदान का रूख करेंगे। इस दौरान जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। इसके साथ ही अन्ना ने अहिंसा के जरिए आंदोलन को आगे बढ़ाने की अपील की है। साथ ही धरने को समर्थन करने वालों को धन्यवाद भी दिया है।