लैंड बिल पर विपक्ष, सिविल सोसाइटी और किसानों के कड़े रुख को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है। मंगलवार को इस बिल को पेश किए जाने की उम्मीद है और सरकार ने अध्यादेश में बदलाव के संकेत दे दिए हैं।
सोमवार को सरकार के मैनेजरों ने इस मामले को लेकर कई मीटिंग कीं। रविवार को जहां वेंकैया नायडू कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे, वहीं होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह के घर पर भी किसान संगठनों से बातचीत हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से किसानों को उनके सरोकारों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया गया है।
सरकार में एक सीनियर मंत्री का कहना था कि इस मुद्दे पर हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। उक्त नेता के मुताबिक, जिन दो मुद्दे पर मामला अटका है, उनमें किसानों की सहमति और इन्फ्रास्ट्रक्चर महत्वपूर्ण हैं। सरकार की कोशिश आपसी सहमति बनाकर आगे बढ़ने की है। सोमवार की शाम बीजेपी व सरकार के आला मैनेजरों व सीनियर नेताओं की लंबी मीटिंग चली। मंगलवार को लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पेश होने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक, जहां सोनिया गांधी ने लैंड बिल पर पार्टी के रुख को लेकर वेंकैया को निराश लौटाया। सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह व सुषमा स्वराज की मीटिंग हुई। सदन स्थगन के बाद भी तीनों नेता कुछ देर आपस में बतियाते देखे गए। विपक्ष भी लैंड बिल को लेकर ढील के मूड में नहीं है। कांग्रेस, जेडीयू, एसपी व टीएमसी ने अनौपचारिक मीटिंग कर इस मुद्दे पर एकजुटता दर्शाने की रणनीति तय की।