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लखनऊ में पकड़ा गया हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट, 11 गिरफ्तार

लखनऊ। तहजीब के शहर लखनऊ में भी सेक्स का धंधा जोर पकड़ रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी में कल हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का राजफाश हुआ है। पुलिस ने देर रात पॉश कालोनी में एक आइएएस अधिकारी के घर पर संचालित हो रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया। खुद को बसपा नेता होने का दावा करने वाला शख्स गेस्ट हाउस में देह व्यापार का धंधा संचालित कर रहा था।

गेस्ट हाउस आइएएस अधिकारी तथा इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी एके सिंह का है। गेस्ट हाउस से जम्मू, गाजियाबाद एवं दिल्ली की तीन युवतियों समेत 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें मडिय़ांव के एक इंजीनियरिंग कालेज का एसोसिएट प्रोफेसर भी है। पुलिस ने मौके से हांडा सिटी व फॉरच्यूनर गाड़ी के साथ आधा दर्जन महंगे मोबाइल, 80 हजार रुपये तथा आपत्तिजनक वस्तु बरामद की है। सेक्स रैकेट वेबसाइट व सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए संचालित होने की बात सामने आ रही है। इस गिरोह से गत दिनों देह व्यापार अधिनियम के तहत गिरफ्तार की गई गुडंबा निवासी महिला के भी तार जुड़े हुए हैं। गोमतीनगर के विशाल खंड तीन में गेस्ट हाउस में मोहनलालगंज निवासी एमपी सिंह इस गिरोह का संचालन कर रहा था। संचालक यह बंगला एक लाख रुपए महीने में किराए पर ले रखा था और वहां पर सूर्या गेस्ट हाउस का बोर्ड लगा दिया था। वह प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है और खुद को बसपा का मोहनलालगंज क्षेत्र का पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बता रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने एक व्यक्ति को ग्राहक बनाकर वहां भेजा, जिसके बाद गिरोह का राजफाश हुआ। राजधानी में गिरोह वेबसाइट के माध्यम से संचालित किया जा रहा था। वेबसाइट पर फोन नंबर समेत अन्य जानकारियां उपलब्ध थी। देर रात तक पुलिस गिरोह से जुड़े कई अन्य लोगों के बारे में भी छानबीन कर रही थी।

एसपी ट्रांसगोमती दिनेश यादव ने बताया कि सेक्स रैकेट की सूचना मिली थी। कई थानों की पुलिस टीम ने बंगले पर छापा मारा था। पुलिस के घुसते ही बंगले में हलचल मच गई। कमरों में मौजूद ग्राहक व कॉल गर्ल आपत्तिजनक स्थिति में मिले। काफी जद्दोजहद के बाद आरोपियों को काबू किया गया। पुलिस ने संचालक महेन्द्र पाल सिंह, आईएमआरटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अनुराग सिंह, गार्ड, मैनेजर समेत आठ को गिरफ्तार किया। महेन्द्र पाल ने बताया कि बंगला इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एके सिंह का है।

पुलिस ने इस बंगले पर छापा मारा तो वहां मौजूद संचालक बसपा नेता महेन्द्र पाल सिंह (पूर्व मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष) व उसके कर्मचारियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। हमले में सीओ गाजीपुर दिनेश पुरी और इंस्पेक्टर भगवान सिंह समेत कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। इसके बाद वहां और फोर्स बुला ली गई।

यहां से पकड़ी गईं तीन युवतियां जम्मू, दिल्ली व गाजियाबाद की हैं। महेन्द्र पाल अलग-अलग एजेण्ट के माध्यम से इनको 50 हजार से एक लाख रुपए तक के पैकेज पर लखनऊ बुलवाता था। एक युवती को 20 से 25 दिन तक रोका जाता था। तीनों 10 दिनों से इस बंगले में ठहरी थी। महेन्द्र व्हाट्स एप, ई-मेल व फेसबुक पर कॉल गल्र्स की फोटो भेजता था।

पूछताछ में महेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि वह ग्राहकों से छह से 50 हजार रुपए तक वसूलता था। ग्राहकों के ठिकाने पर लड़की भेजने की सूरत में मोटी रकम वसूली जाती थी। महेन्द्र ने बताया शहर के कई रसूखदार, अधिकारी, व्यापारी समेत प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र उसके अड्डे पर आते हैं। ग्राहकों की सुविधा के लिए बंगले पर ही शराब, बीयर आदि परोसी जाती थी। दो कमरों से शराब व बीयर की बोतलें मिली हैं।

NCR Khabar News Desk

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