दिल्ली का दंगल -भाग-३

दिल्ली विधानसभा चुनाव ‘आप’ के लिए अस्तित्व का प्रश्न बन गया है। यही वजह है कि देश भर की ‘आपियों’ टीम भी दिल्ली चुनाव में जुट गई है। ‘आप’ कार्यकर्ता दिल्ली के वोटरों के फोन की घंटी बजा रहे हैं , वे कॉल करके ‘आप’ को वोट देने की अपील कर रहे हैं। दिल्ली जाने वाली हर ट्रेन और बस में ‘आप’ के कार्यकर्ता पर्चे बांट रहे हैं। कुछ सीधे दिल्ली पहुँचकर वहाँ घर-घर संपर्क से लेकर केंद्रीय कार्यालय की बागडोर संभाले हुए हैं।परिणाम तो भविष्य के गर्त में छुपा है या प्रचलित शब्दों में कहूँ तो जनता के हाथों में है लेकिन
‘आप’ भाजपा को ललकारती तो अवश्य ही दिख रही है , ‘सैद्धांतिक लोकतान्त्रिक’ अवधारणा के लिए ये शुभ-संकेत तो अवश्य ही l

सबसे असमंजस की स्थिति तो कॉंग्रेस में है “लोकसभा चुनाव और उसके बाद तेजी से राज्य दर राज्य हारती जा रही कॉंग्रेस ने दिल्ली चुनाव में भाजपा को नहीं, बल्कि आम ‘आप’ को टारगेट करने की रणनीति बनाई है। राजधानी में सियासी टारगेट बदलकर कॉंग्रेस खुद को उबारने का नहीं, बल्कि आप को तीसरा विकल्प बनने देने से रोकना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली चुनाव प्रभारी अजय माकन को मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को नहीं, केजरीवाल की ‘आप’ को निशाने पर रखने के निर्देश दिए हैं। आज की परिस्थितयों में काँग्रेस शायद ये मान कर चलाने को विवश है कि भाजपा से सीधे तौर पर मुक़ाबला करना उसके वश की बात नहीं है और चुनावों में जीत के लायक खुद को फिर से तैयार करने के लिए अभी अनुकूल समय नहीं है और सबसे पहले अपनी खो चुकी साख व बिगड़ती छवि को दुरुस्त किया जाए l काँग्रेस की इस रणनीति के पीछे शायद ये मकसद भी काम कर रहा हो “जनता को इस सोच से बाहर निकाला जाए कि भ्रष्टाचार के हरेक मामले और जनता की हर मुसीबत के लिए काँग्रेस ही जिम्मेदार है।” इस संदर्भ में काँग्रेस की ये रणनीति कुछ हद तक व्यावहारिक भी दिखती है क्यूँकि ‘आप’ आज भी भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भाजपा से ज्यादा आक्रामक रवैया अपनाए हुए है l सूत्रों के मुताबिक एक अंदरूनी वजह ये भी है कि “यदि ‘आप’ को दिल्ली में इस बार सरकार बनाने का मौका मिल गया तो भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ‘आप’ काँग्रेस के लिए अवश्य ही बड़ी मुसीबतें खड़ी करेगी , यही वजह है कि धुर विरोधी भाजपा को छोड़कर महज एक साल पुरानी ‘आप’ को दिल्ली चुनाव में निशाना बनाने में ही काँग्रेस अपनी ‘भलाई’ समझ रही है l”

आलोक कुमार