पाकिस्तान में दो दुर्दांत आतंकियों को दी गई फांसी

इस्लामाबाद। पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकियों को फांसी दिए जाने के फरमान के बाद फैसलाबद में दो खूंखार आतंकियों को फांसी दे दी गई। इनमें से एक पाकिस्तानी सेना में चिकित्सक रह चुका पूर्व सैनिक अकील उर्फ डॉ. उस्मान और दूसरा आतंकी अरशद मेहमूद था। ये पूर्व सैन्य जनरल परवेज मुशर्रफ की हत्या के प्रयास का दोषी था। इससे पहले सूचना थी कि अकील व अशरफ को फांसी पर चढ़ाए जाने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पाकिस्तान के इन दोनों ही आतंकियों को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के एलान के बाद सबसे पहले फांसी पर चढ़ाया जाना था। अकील उर्फ डॉ. उस्मान 2009 में रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय पर आतंकी हमले का दोषी था। उसको रावलपिंडी सेना मुख्यालय पर हमले के दौरान ही घायलावस्था में गिरफ्तार किया गया था। हमले में 11 जवान मारे गए थे। उसे फांसी पर चढ़ाने के बाद उसका शव उसके भाई को सौंप दिया जाएगा। वहीं, 2003 में मुशर्रफ की हत्या के प्रयास में अरशद महमूद को सजा सुनाई गई है। इस हमले में मुशर्रफ तो बच गए, लेकिन 15 अन्य लोग मारे गए थे। अलकायदा से जुड़ा ये आतंकी एक जमाने में उम्दा घुड़सवार था। 85 आतंकियों की फांसी तय : हालांकि इसके बाद शुक्रवार को पाकिस्तान सरकार ने अपने अफसरों को अन्य 22 आतंकियों को भी जल्द फांसी पर चढ़ाए जाने का फरमान जारी किया। अधिकारियों के अनुसार, गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद इन 22 आतंकियों समेत कुछ ही दिनों में कुल 85 आतंकवादियों को फांसी दी जा सकेगी। पहले चरण में 17 आतंकियों को फांसी : पहले चरण में 17 आतंकियों को फांसी दी जानी है। वहीं दूसरे चरण में 45 अन्य खूंखार आतंकियों को फांसी पर चढ़ाया जाएगा। इसी क्रम में आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में कुल आठ हजार कैदियों को सजा-ए-मौत दी जाएगी।