सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में चिंतागुफा के पास सोमवार दोपहर नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 13 जवान शहीद हो गए। मुठभेड़ में इतने ही जवान घायल हुए हैं। शहीदों में सीआरपीएफ के एक डिप्टी कमांडेंट और एक असिस्टेंट कमांडेंट हैं। देर शाम तक 60 और जवान शिविर में वापस नहीं लौटे हैं। उनकी कुशलता को लेकर आशंका पैदा हो गई है। यह हमला मुख्यमंत्री रमन सिंह के राज्य में जल्द नक्सलियों के सफाए के दावे के कुछ ही घंटों बाद हुआ। मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। घटना से आहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ हालात की समीक्षा के लिए मंगलवार को रायपुर जाएंगे। यह वही सुकमा है जहां 25 मई, 2013 को नक्सली हमले में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं समेत 28 लोग मारे गए थे।
छत्तीसगढ़ के एडीजी (नक्सल ऑपरेशन) आरके विज ने बताया कि चिंतागुफा से दस किलोमीटर दूर कसलनार के पास नक्सलियों ने सीआरपीएफ की टुकड़ी को दोपहर करीब दो बजे निशाना बनाया। सघन जंगलों में शनिवार से सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन और प्रादेशिक बल के करीब 125 जवान संयुक्त रूप से तलाशी अभियान पर निकले थे। अभियान में कोबरा की 206 वीं बटालियन और सीआरपीएफ की 223 वीं बटालियन शामिल हैं। विज ने बताया कि जवानों के पास पर्याप्त असलाह व गोला-बारूद था। इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पुलिस के पास पहले से थी, इसी के मद्देनजर तलाशी अभियान छेड़ा गया था।
मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों पर सैकड़ों हथियारबंद नक्सलियों ने कई तरफ से हमला किया। बताया गया है कि उन्होंने निर्दोष ग्रामीणों की आड़ लेकर सुरक्षा बलों पर हमला किया। करीब तीन घंटे तक दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी हुई। शहीद डिप्टी कमांडेंट का नाम बीएस वर्मा है जबकि शहीद असिस्टेंट कमांडेट का नाम राजेश है। जंगल में फंसे जवानों के वापस आने की प्रतीक्षा की जा रही है। यह हमला नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग की केंद्र सरकार के कार्यकाल में हुआ पहला बड़ा नक्सली हमला है।
पीएलजीए सप्ताह के एक दिन पहले हमला
यह हमला नक्सलियों के पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) स्थापना सप्ताह शुरू होने के पूर्व दिवस पर हुआ है। यह सप्ताह नौ दिसंबर तक मनाया जाएगा। नक्सली अपनी ताकत दिखाने के लिए यह सप्ताह पिछले 14 साल से मना रहे हैं।
दस दिन पहले भी हुआ था हमला
सुकमा जिले के जिस इलाके में सुरक्षा बलों पर हमला हुआ है। दस दिनों में यह दूसरा हमला है। 21 नवंबर को यहां नक्सल विरोधी अभियान में लगे वायुसेना के हेलीकॉप्टर पर गोलियां दागी गईं थीं। उस हमले में पांच सीआरपीएफ के जवान घायल हुए थे, वायुसेना का एक कमांडो भी घायल हुआ था।