
जल्द ही रसोई गैस की सब्सिडी आपके बैंक खाते में आएगी। केंद्र सरकार एक जनवरी, 2015 से सब्सिडी की रकम बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर करने की संशोधित योजना देश भर में लागू कर सकती है।
देश के हर परिवार का बैंक खाता खोलने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत करीब सात लाख खाते खुलने से पेट्रोलियम मंत्रालय बेहद उत्साहित है।
बैंक खातों की बढ़ती संख्या को देखकर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय रसोई गैस की सब्सिडी की रकम सीधे बैंक खाते में भेजने की संशोधित योजना (एमडीबीटीएल) को देश के 54 जिलों में 15 नवंबर 2014 से और देश भर में एक जनवरी 2015 से लागू करने की तैयारी कर रहा है। संशोधित योजना में खाता का आधार नंबर से संबंधित होना आवश्यक नहीं है।
मंत्रालय के अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संशोधित डीबीटीएल योजना को आगामी 15 नवंबर से चुनिंदा 54 जिलों में जबकि देश भर में अगले एक जनवरी से लागू किया जाएगा।
इस बार रसोई गैस सिलेंडरों की सब्सिडी के लिए खाते का आधार नंबर से जोड़ना आवश्यक नहीं बनाया गया है।
पिछली सरकार के कार्यकाल में जो डीबीटीएल योजना लागू हुई थी, उसमें खाते का आधार नंबर से जुड़ा होना अनिवार्य था। अधिकारियों के मुताबिक पिछले हफ्ते पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी समीक्षा कर ली है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय एक जून 2013 से छह चरणों में देश के 291 जिलों में डीबीटीएल योजना लागू की गई थी। इसके तहत 3,770 से भी ज्यादा रसोई गैस वितरकों के 10 करोड़ से भी ज्यादा ग्राहकों के बैंक खातों को इस प्रणाली से जोड़ दिया गया था।
इस योजना के जरिए 2.80 करोड़ ग्राहकों के पास सब्सिडी की 5,400 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम हस्तांतरित की जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि डीबीटीएल के लागू होने से सब्सिडी वाले सिलेंडरों का डायवर्जन काफी हद तक रुक गया था, लेकिन इसे खत्म करने के बाद एक बार फिर से पुरानी स्थिति लौट आई।