माया और अखिलेश राज में जिस अफसर की तूती बोल रही थी, उसके खजाने और कारनामे को देखकर आयकर विभाग के होश उड़ गए। सरकारी हलके में सरकारी दामाद की नजर से देखा जाने वाले यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता के नाम से रजिस्टर्ड कंपनी के डायरेक्टर की कार से ही शुक्रवार सुबह 10 करोड़ रुपये बरामद किए गए।
दरअसल, छापा पड़ते ही कंपनी के निदेशक राजेंद्र मनोचा ने अपनी कार में 10 करोड़ रुपये भरे और घर के ही सामने पार्क में खड़ी कर दी थी। काफी दबाव बनाने पर मनोचा ने अपनी गाड़ी की चाबी दी और गाड़ी में नोटों से भरे आठ बैग बरामद हुए। यह जानकारी आरकर विभाग, चांच के डीजी कृष्णा सैनी ने दी।
सैनी ने यह भी बताया कि छापे के दौरान यादव सिंह के घर की तलाशी हुई तो सोने और जवाहरात देखकर आयकर विभाग की आंखे चौंधिया गईं।
आयकर विभाग ज्वैलरी की कीमत के आंकलन में जुटी है। यादव के घर से बरामद करीब ढाई किलो हीरे और सोने के गहनों की कीमत 100 करोड़ से भी हो सकती है। जांचकर्ता भी ये नजारा देखकर हैरान रह गए कि चीफ इंजीनियर का घर था या हीरे का शोरूम? इस खुलासे के बाद यादव सिंह से तीनों अथॉरिटी के चार्ज वापस ले लिए गए हैं।
गुरुवार को आयकर विभाग ने नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर यादव सिंह और उसकी पत्नी की कंपनियों के निदेशकों के 20 ठिकानों पर छापा मारकर प्राधिकरण की जमीनों में बड़ी लूट का खुलासा किया था।पहले कागज पर ही कंपनी खड़ी कर ली गई। कंपनी के नाम से नोएडा अथॉरिटी के बेशकीमती प्लॉट बेहद सस्ते दाम पर हथिया लिए और फिर प्लॉट समेत पूरी कंपनी बेच दी। बृहस्पतिवार पूरी रात चली कार्रवाई में 40 फर्जी कंपनियां सामने आईं।
विभाग ने करोड़ों के लेन-देन व बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए हैं। सूत्रों की मानें तो इन कंपनियों ने 300 प्लॉटों का वारा-न्यारा किया है। इस पूरे खेल में अरबों रुपये की हेराफेरी की गई।
आयकर महानिदेशक (जांच) कृष्णा सैनी ने लखनऊ में बताया कि बृहस्पतिवार को यादव के आवास, पत्नी कुसुम लता की कंपनियों के दफ्तर और निदेशक राजेंद्र मनोचा और नम्रता मनोचा के नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली के आवासों पर एक साथ छापा मारा।
आयकर महानिदेशक ने बताया कि चार साल तक प्लॉट की खरीद फरोख्त के खेल से निदेशकों ने खूब मुनाफा कमाया, लेकिन आयकर हजम कर गए।छापे में एक निदेशक के आवास से गोपनीय डायरी भी जब्त की गई है। इसमें प्लॉट की खरीद फरोख्त की कमीशनखोरी का उल्लेख है।
यानी, डायरी में नोएडा अथॉरिटी से प्लॉट लेकर और कागजों में उसे कंपनी बनाकर बेचने से जो मोटी कमाई हुई उसका कमीशन किस-किस सफेदपोश और अफसर को कितना-कितना पहुंचा, उसका पूरा ब्यौरा दर्ज है।
आयकर महानिदेशक ने बताया कि मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यादव की पत्नी वाली कंपनियों को कितने प्लॉट आवंटित किए गए, उसका ब्यौरा मांगा जाएगा।
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वहीं नोएडा अथॉरिटी के अफसरों को तलब कर पूछताछ भी होगी। जरूरत पड़ने पर प्रवर्तन निदेशालय एवं सेबी से भी जांच कराएंगे।