
सरकार पासपोर्ट जारी करने के लिए आधार आवश्यक कर सकती है। इस प्रक्रिया से आवेदक के आपराधिक पूर्ववृत्त के सत्यापन की प्रणाली स्थापित करने की कोशिश भी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो सोमवार को हुई बैठक में गृहमंत्रालय और विदेश मंत्रालय के बीच इस मुद्दे पर बातचीत भी हुई।
विदेश मंत्रालय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के साथ मिलकर इस संबंध में योजना बना रहा है और संभव है कि महीने के अंत तक यह पूरा हो जाएगा। नई प्रक्रिया के तहत यदि कोई पासपोर्ट के लिए आवेदन करता है और आधार नहीं होने पर पहले उसे आधार कार्ड बनवाना पड़ सकता है।
यह कदम पीएम नरेंद्र मोदी के उन दिशा-निर्देशों के तहत उठाया जा रहा है जिसमें उन्होंने देशवासियों को पारदर्शी और साधारण तरीकों से पासपोर्ट सेवा देने की बात की थी। मालूम हो कि सरकार के पास पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के संबंध में लगातार शिकायतें आती हैं और इसके चलते पासपोर्ट जारी करने में देरी होती है
इसके बाद ही विदेश मंत्रालय ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) से चर्चा की। ब्यूरो इस बात पर राजी है कि एक ऐसी प्रणाली बनाई जा सकती है जिससे आवेदक के आपराधिक रिकॉर्ड की पड़ताल हो सके। यह प्रणाली दो महीने के भीतर स्थापित हो सकती है।
एनसीआरबी की पुष्टि और नागरिकता, आपराधिक गतिविधि, मुकदमे की सुनवाई, समन या वारंट आदि के बारे में आवेदक द्वारा स्व घोषणा के बाद पुलिस वैरिफिकेशन के आधार पर पासपोर्ट जारी किया जा सकेगा।
इस दौरान आवेदक को पुलिस वैरीफिकेशन के लिए अपने स्थानीय थाने का नाम दर्ज कराना होगा। यदि किसी ने स्व घोषणा में कोई गलत जानकारी दी तो उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा।