
देश के आईएएस अधिकारियों और नेताओं की प्रतिष्ठा एक बार फिर से दांव पर है। अधिकारियों और नेताओं ने नियमों को ताक पर रखकर खूब मौज लूटी है। पश्चिम बंगाल कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज मालवीय ने जमकर अपने पद का लाभ उठाया है। मनोज मालवीय ने पूरी दुनिया भर में अपने परिवार को 28 देशों की हवाई यात्रा करवाई है। इन सभी यात्राओं के लिए मनोज ने सिर्फ 1 लाख रुपए का भुगतान किया जबकि इन यात्राओं का कुल किराया करीब 6 करोड़ रुपए है।
इस बात का खुलासा तहलका मैगजीन ने अपने हालिया अंक में किया है। पत्रकार मैथ्यू सैम्युल की रिपोर्ट के मुताबिक जेट एयरवेज के जरिए वीआईपी, नेताओं और विमानन मंत्रालय से जुड़े कई अधिकारियों ने जमकर मुफ्त टिकट पर यात्रा करने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है।
तहलका की पड़ताल के मुताबिक पिछले कई सालों से विमानन मंत्रालय और डीजीसीए में करोड़ों रुपए का दुरुपयोग इस तरह से किया जा रहा है। राजनेताओं से लेकर अधिकारी तक सब ने अपने अधिकारों के चलते करोड़ो रुपए का चूना सरकार को लगाया है।अधिकारियों ने अपने मजे के लिए नियमों को भी ताक पर रख दिया था। कई मामलों में एक विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाया गया। इस मामले में एक साल पहले ही सीबीआई ने जांच भी शुरू कर दी है।
एरोनॉटिक्ल इन्फॉरमेशन सर्कुलर एआईसी 02/1978 के अनुसार भारत में रजिस्टर्ड विमानन कंपनियां कुछ विशेष मौकों पर अधिकारियों को मुफ्त में टिकट उपलब्ध कराती हैं। सीवीसी की तरफ से जांच शुरू होने के बाद वर्ष 2012 में इसके नियमों में संशोधन किया गया। इसके जरिए अधिकारियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई। मनोज मालवीय वर्तमान में वन विभाग में एडीजीपी के पद पर पश्चिम बंगाल में तैनात हैं। वह उन आरोपियों में से भी एक हैं जिनकी सीबीआई जांच कर रही है।
वहीं गांधी परिवार के दामाद का नाम भी ऐसी सुविधाएं लेने में सामने आया है। रॉबर्ट वाड्रा के इकॉनामी क्लॉस टिकट को फर्स्ट क्लॉस टिकट में करीब आठ बार तब्दील किया गया। आठों बार दिल्ली से लंदन और लंदन से दिल्ली तक की हवाई यात्रा के टिकट को फर्स्ट क्लॉस में बदलकर रॉबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचाया गया।दिल्ली से लंदन तक की यात्रा का इकॉनामी क्लॉस का किराया 78,090 रुपए है। वहीं फर्स्ट क्लॉस में यात्रा करने के लिए 3,09,560 लाख रुपए का भुगतान करना होता है।
कई मौकों पर वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा के टिकट को फर्स्ट क्लॉस में अपग्रेड कर दिया गया है। जेट एयरवेज ने कई मौंको पर वाड्रा को इस तरह का फायदा पहुंचाया है। रिपोर्ट के मुताबिक यह बात सामने आई है कि फॉरेन एयर क्रू (फाटा) का विस्तार पाने के लिए विमानन कंपनियां, विमानन मंत्रालय के अधिकारियों को खुश रखती हैं।
वाड्रा ने अपने बचाव में कहा है कि पर उनको यह लाभ मिल सकता है क्योंकि सरकारी पद पर नहीं हैं। सरकारी पद पर रहने वाले लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर उल्लघंन किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
विमानन मंत्रालय के बड़े अधिकारियों में डीजीसीए के पूर्व प्रमुख ईके भरत भूषण आईएएस, केएन नारायण श्रीवास्तव विमानन मंत्रालय, ललित गुप्ता संयुक्त महानिदेशक डीजीसीए, एएआई के पूर्व चेयरमैन वीपी अग्रवाल पर आरोप लगे हैं।